इंदौर। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बयान से एमपी की राजनीति में भूचाल आ गया है। कैलाश ने इंदौर में आयोजित किसान सम्मेलन में एक बड़ा बयान दे दिया है। उन्होंने कह दिया है कि एमपी में कमलनाथ की सरकार गिराने में प्रधान नहीं, प्रधानमंत्री की भूमिका है। इस बयान के बाद कांग्रेस ने पीएम मोदी से जवाब मांगा है।
हालांकि मंच से उतरने के बाद कैलाश ने अपने बयान पर सफाई दी थी। किसानों को संबोधित करते हुए कैलाश विजयवर्गीय कह रहे थे कि जब तक कमलनाथ की सरकार थी, उन्हें एक दिन भी चैन से नहीं सोने दिया। नरोत्तम मिश्रा कमलनाथ के सपने में भी आते थे। ये सारी बातें मैं पर्दे के पीछे की कर रहा हूं, आप किसी को बताना मत।
प्रधानमंत्री की थी भूमिका
कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि मैंने आज तक ये बात किसी को नहीं बताई है। पहली बार मैं बता रहा हूं। कमलनाथ जी की सरकार गिराने में अगर किसी की महत्वपूर्ण भूमिका थी तो नरेंद्र मोदी जी की थी। धर्मेंद्र प्रधान जी की नहीं थी। उस वक्त मंच पर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी बैठे हुए थे।
बाद में दी सफाई
बीजेपी महासचिव के बयान पर विवाद बढ़ गया है। उसके बाद कैलाश विजयवर्गीय ने सफाई दी है। उन्होंने कहा है कि सम्मेलन में मौजूद लोगों को पता है कि यह विशुद्ध रूप से मजाक है। यह बात मैंने हल्के फुल्के मजाकिया लहजे में ही तो कही थी।
दिग्विजय ने मांगा जवाब
वहीं, कैलाश विजयवर्गीय के बयान पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने जवाब मांगा है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि क्या मोदी जी अब बताएंगे कि मध्यप्रदेश सरकार गिराने में उनका हाथ था? क्या मध्यप्रदेश की सरकार गिराने के लिए कोरोना के लॉकडाउन करने में विलंब किया? यह बहुत ही गंभीर आरोप हैं मोदी जी जवाब दें।