जबलपुर। मध्यप्रदेश में नकली घी का कारोबार बडे-बडे लोग कर रहे हैं। जबलपुर शहर में पिछले 4 साल से नकली घी का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा था। फूड विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की थी। क्राइम ब्रांच को पता चला तो उसने छापामार कार्रवाई कर दी। रीवा के रहने वाले विजय गुप्ता के यहां से 45 किलो नकली घी मिला है। पूछताछ में उसने बताया कि वह प्रतिदिन लगभग 50 किलो नकली ही बनाता है। इसकी लागत 100 रुपए प्रति किलो आती है और मात्र 400 रुपए किलो में डिलीवरी कर देता है। जो घर का बना घी मांगता है उसे खुला घी दे देता है और जो ब्रांडेड घी मांगता है उसे पैकेट में सप्लाई किया जाता है।

जानकारी के अनुसार आरोपी विजय गुप्ता (36) मूलतः रीवा का रहने वाला है। वह संजीवनी नगर क्षेत्र में भूकंप कॉलोनी में 2003 से मिलन गुप्ता के मकान में किराए से रह रहा है। वह पिछले चार वर्षों से नकली घी बनाने का काम कर रहा था। वह खराब व जले हुए तेल (जो चाट बनाने वालों के यहां से कौड़ियों के दाम मिल जाता है), डालडा आदि में नंदी ब्रांड का एसेंस मिलाकर घी तैयार करता था। टीम ने रविवार सुबह उसके मकान पर दबिश दी, तो वह नकली घी तैयार कर रहा था।
आरोपी विजय गुप्ता के घर से टीम ने आधा किलो के 20 पैकेट, एक बड़े गंज में 30 किलो के करीब नकली घी, एक नंदी ब्रांड के एसेंस अल्कोहल की बोतल, दो खाली टिन व घी पैक करने वाले प्लास्टिक के डिब्बे, एक तराजू, 50 ग्राम से 1 किलो का बांट, गैस भट्ठी, लोहे की करछुली आदि जब्त किया।

आरोपी विजय ने पूछताछ में बताया कि वह रोज 50 किलो घी बनाकर बेच देता था। नकली घी पकड़े जाने की सूचना पर फूड विभाग की सारिका दीक्षित भी पहुंच गईं। संजीवनी नगर में उसके खिलाफ धोखाधड़ी सहित ड्रग एंड फूड अधिनियम सहित विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया।

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