भोपाल । राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के अगले सप्ताह भोपाल पहुंचने के चलते प्रदेश में राजनीतिक हलचल तेज हो चुकी है। यह सब ऐसे समय हो रहा है, जब बड़े नेताओं की एकांत में मुलाकात चल रही है और उसे प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन की कवायद मानी जा रही है। हालांकि बड़े नेताओं ने इसका खंडन किया है। सिंधिया के आने के बाद उन समर्थकों में आशा बन गई है जो पिछले एक साल से उपकृत होने के इंतजार में हैं।

पिछले साल मार्च में प्रदेश की सत्ता फिर से भाजपा में आने के बाद निगम-मंडलों में नियुक्तियां होना थीं, लेकिन कोरोना काल और उसके बाद 28 सीटों पर उपचुनाव होने के चलते ये नियुक्तियां टलती जा रही थीं, लेकिन कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए कुछ खास लोगों को एक-दो मंडल में अध्यक्ष बनाकर उपकृत कर दिया था। उसके बाद से राजनीतिक नियुक्तियां बंद हैं। हालांकि इस दौरान प्रदेश की कार्यकारिणी का गठन भी कर लिया गया, लेकिन अभी प्रदेश कार्यसमिति का गठन होना है। सरकार में लाभ के पद और संगठन में नियुक्तियों को लेकर सिंधिया समर्थक लंबे समय से राह तक रहे हैं।

9 को आने की संभावना

भाजपा सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सिंधिया संभवत: 9 जून को आ रहे हैं। अभी उनका विस्तृत कार्यक्रम जारी नहीं हुआ है। कोरोना की दूसरी लहर में यह उनका पहला भोपाल दौरा हैं और माना जा रहा है कि वे इस दौरान सत्ता और संगठन के प्रमुख लोगों से चर्चा करेंगे। इसी दौरान राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर चर्चा हो सकती है। चूंकि विधानसभा चुनाव में मात्र दो साल बचे हैं और सरकार का कार्यकाल भी इतना ही बचा है तो दो साल के लिए ही सही वे अपने समर्थकों को नियुक्त करवा सकते हैं। इसके साथ ही प्रदेश के कई जिलों और नगर में अध्यक्षों की नियुक्ति तो हो गई है, लेकिन कार्यकारिणी तैयार नहीं हुई है, उसको लेकर भी सिंधिया कई जिलों में अपने समर्थकों के लिए पद मांग सकते हैं।

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