नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि, कोविड -19 के मौजूदा रुझानों के देखते हुए दिल्ली सरकार ने स्कूलों के फिर से नहीं खोलने का फैसला लिया है। सरकार की ओर से यह कदम दुनियाभर में कोरोना की तीसरी लहर के आ रहे लगातार मामलों के देखते हुए लिया गया है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार तब तक कोई जोखिम नहीं उठाना चाहेगी जब तक कि कोरोना वायरस बीमारी के खिलाफ टीकाकरण प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से जब स्कूल खोले जाने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, अभी नहीं, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, रुझान बताते हैं कि कोरोना वायरस की तीसरी लहर आती दिख रही है। इसलिए हम टीकाकरण प्रक्रिया पूरी होने तक कोई जोखिम नहीं लेना चाहते हैं। 

दिल्ली में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 72 नए मामले सामने आए, 88 ठीक हुए और एक लोग की मौत हो गई। इसके साथ कुल सक्रिय मामलों की संख्या 671 हो गई, जबकि स्वस्थ होने वालों की संख्या 14,09,660 हो गई। राष्ट्रीय राजधानी में अब तक 25,022 लोग वायरस से अपनी जान गंवा चुके हैं। Fact Check: सरकार ने दालों की स्‍टॉक लिमिट हटा दी है? जानें व्हाट्सऐप मैसेज का सच इससे पहले स्‍कूल फीस पर दिल्‍ली सरकार ने बुधवार को हाईकोर्ट में कहा कि कोरोना की महामारी में तमाम बच्‍चों ने अपने एक या दोनों अभिभावकों को खोया है। लॉकडाउन के कारण कई पैरेंट्स बेरोजगार हुए हैं। लिहाजा, स्‍कूलों का कमर्शियल बेसिस पर फीस वसूलना ‘अनुचित और कठोर’ है। इन संस्थानों से उम्मीद की जाती है कि वे शिक्षा क्षेत्र में अधिकतम सहयोग करेंगे। इससे स्कूलों के जरिये सुविधाजनक वित्तीय माहौल के साथ ज्‍यादा से ज्‍यादा छात्रों को शिक्षा मिल सकेगी। 

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