भोपाल! देश के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिये मध्यप्रदेश के 3 शहर का चयन भारत सरकार ने किया है। इसके लिये मध्यप्रदेश के 7 शहर के प्रोजेक्ट बनाकर भेजे गये थे। प्रथम चरण के 20 शहर में मध्यप्रदेश के सबसे अधिक शहरों का चयन हुआ है। मध्यप्रदेश एकमात्र ऐसा राज्य है, जहाँ से 3 शहर को चुना गया है। यह शहर भोपाल, इंदौर और जबलपुर हैं। मात्र 5 प्रतिशत शहरी जनसंख्या वाले राज्य के 3 शहर का स्मार्ट सिटी के रूप में चुना जाना प्रदेश के लिये उपलब्धि है। इसमें इंदौर के राजबाड़ा क्षेत्र, जबलपुर के रानी ताल तथा गोल मार्केट और भोपाल के शिवाजी नगर क्षेत्र को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जायेगा। नई दिल्ली में शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने आज स्मार्ट सिटी के लिए चुने गए देश के 20 शहरों के नामों की घोषणा की। श्री नायडू ने कहा कि यह प्रतियोगिता उसी प्रकार है जिस प्रकार लोक सेवा आयोग द्वारा ली जाने वाली परीक्षा होती है।
स्मार्ट सिटी परियोजना में भोपाल के शिवाजी नगर के 300 एकड़ क्षेत्र को विकसित किया जायेगा। इसकी अनुमानित परियोजना लागत 3437 करोड़ रुपये है। भोपाल के पर्यावरण मित्र स्वरूप को बनाये रखते हुए विकास मॉडल विकसित किया गया है। इसी प्रकार इंदौर के राजबाड़ा क्षेत्र के आसपास के 742 एकड़ क्षेत्र को लगभग 5099 करोड़ की लागत से विकसित किया जायेगा। राजबाड़ा क्षेत्र की ऐतिहासिक धरोहर के संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। जबलपुर के संस्कारधानी स्वरूप को बनाये रखते हुए नगर को क्षेत्र के प्रमुख आर्थिक गतिविधि केन्द्र के रूप में विकसित करने की योजना है। इससे जबलपुर निवेश तथा रोजगार की संभावनाओं के केन्द्र के रूप में विकसित हो सकेगा। जबलपुर में राइट टाउन, नेपियर टाउन, गोल-बाजार, सिविक सेंटर तथा रानी ताल क्षेत्र में स्मार्ट सिटी परियोजना क्रियान्वित की होगी। इस पर लगभग 3998 करोड़ रुपये का व्यय होगा।
स्मार्ट सिटी की अवधारणा में नागरिकों को सुकून तथा सुलभ सुविधायुक्त वातावरण उपलब्ध करवाना मुख्य उद्देश्य है। इसमें साफ-सफाई, वाय-फाय सुविधा, मोबाइल पर अन्य नागरिक सुविधाएँ उपलब्ध करवाना तथा सामुदायिक विकास के लिये पहल विशेष रूप से सम्मिलित हैं। इसके अतिरिक्त 24 अन्य बिन्दु पर स्मार्ट सिटी के लिये चयनित क्षेत्रों को विकसित किया जायेगा। चयनित नगरों के विकास के लिये केन्द्र सरकार द्वारा 500 करोड़ रुपये प्रति नगर उपलब्ध करवाये जायेंगे। इसके साथ ही अन्य योजनाओं जैसे अमृत, स्वच्छ भारत अभियान, मेट्रो परियोजना, रेपिड बस सिस्टम जैसे कार्यक्रमों को जोड़कर क्षेत्र का समग्र विकास किया जायेगा। विकास की प्रक्रिया में सर्वप्रथम चयनित क्षेत्र विकसित किये जायेंगे। यह प्रक्रिया इस प्रकार संचालित होगी कि शहर के अन्य क्षेत्रों का भी चरणबद्ध विकास शुरू हो सके। स्मार्ट सिटी परियोजना में संसाधनों के बेहतर उपयोग, नागरिकों की सहभागिता तथा निजी विकासकर्त्ताओं की विशेषज्ञताओं को समाहित कर शहरों को विकसित किया जायेगा।