नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली और NCR के शहरों में दीवाली के बाद से लगातार वायु प्रदूषण को लेकर हालात गंभीर बने हुए हैं। इस बीच दिल्ली और एनसीआर में वायु प्रदूषण के मामले पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को अहम सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान दिल्ली में सत्तासान आम आदमी पार्टी सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में कहा गया है कि बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण वह लाकडाउन लगाने के लिए तैयार है।सोमवार को दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली में पूर्ण तालाबंदी करने के लिए तैयार है। इस दौरान SC ने यह सुझाव भी दिया कि अगर पड़ोसी राज्यों के एनसीआर क्षेत्रों में भी लाकडाउन लागू किया जाता है तो यह सार्थक होगा। इस बाबत गोपाल राय ने बताया कि हमने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट दाखिल किया है कि हम दिल्ली में लाकडाउन के लिए भी तैयार हैं, लेकिन ये तभी प्रभावी होगा जब पूरे एनसीआर में लाकडाउन होगा। सरकार प्रदूषण से लड़ने के लिए हर कदम उठाने के लिए तैयार है।
वहीं, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि दिल्ली और उत्तरी राज्यों में वर्तमान में पराली जलाना प्रदूषण का प्रमुख कारण नहीं है, क्योंकि यह प्रदूषण में केवल 10 फीसद का योगदान देता है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि SAFAR ने कहा कि प्रदूषण में 48 फीसद तक पराली का योगदान रहा। पिछले 10 दिन में जब गंभीर स्थिति बनी हुई है। इस दौरान पराली के प्रदूषण का क्या योगदान है ये तो केंद्र सरकार ने ही जारी किया है। कोर्ट में वो क्या दे रहे हैं और सार्वजनिक रूप से क्या जारी कर रहे हैं। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को दिल्ली सरकार से कहा था कि गंभीर श्रेणी में पहुंचे वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दो दिनों के लिए लाकडाउन लगाने पर विचार करे। इस पर अरविंद केजरीवाल ने प्रतिक्रिया में कहा था कि लाकडाउन एक बड़ा फैसला होगा। ऐसा कोई भी फैसला लेने से पहले व्यापक विचार-विमर्श किया जाएगा। बहरहाल अरविंद केजरीवाल सरकार लाकडाउन और उसके तौर-तरीकों का मसौदा प्रस्ताव तैयार किया है, जिसे सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में पेश किया गया। सोमवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में वायु प्रदूषण को लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों को फिर फटकार लगाई है। कोर्ट ने दोनों सरकारों को कहा है कि वे दिल्ली-एनसीआर में जल्द से जल्द वायु प्रदूषण को रोकने के लिए सख्त कदम उठाएं। कोर्ट ने दिल्ली सरकार से मंगलवार तक जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार से कहा है कि वह वायु प्रदूषण के मद्दे पर आपात बैठक बुलाए। इस बैठक में दिल्ली, पंजाब और हरियाणा सरकारों को एक साथ लेकर प्रदूषण की समस्या का हल निकाले। देश की राजधानी दिल्ली की वायु गुणवत्ता सोमवार को भी बहुत खराब श्रेणी में है। वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान और अनुसंधान प्रणाली (SAFAR) के मुताबिक, राजधानी दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 318 है।
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के चलते आम आदमी पार्टी सरकार ने सभी प्रकार के निर्माण कार्य पर प्रतिबंध लगाया है जिससे मज़दूरों को दिक़्क़तें हो रही हैं। सोमवार को एक मज़दूर ने बताया कि काम नहीं होने की वजह से हम किराया नहीं दे पा रहे हैं। यहां किसी के पास खाने के लिए रुपए नहीं हैं। देश की राजधानी दिल्ली में 1 से 12वीं तक के स्कूल आगामी हफ्ते यानी 20 नवंबर तक बंद कर दिए गए हैं। दिल्ली की तर्ज पर हरियाणा के गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत और झज्जर में भी स्कूल 17 नवंबर तक बंद रहेंगे। दिल्ली में रविवार से ही आगामी 17 नवंबर तक निर्माण गतिविधियों पर रोक है। इसके तहत निर्माण संबंधी कार्यों पर पूर्णतया प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके अलावा, हरियाणा सरकार ने भी एनसीआर के 4 जिलों में निर्माण कार्यों पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। दिल्ली सरकार के आदेश के बाद सोमवार से ही आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर दिल्ली के सभी सरकारी दफ्तर घर से काम कर रहे हैं। इस बात हरियाणा सरकार ने भी कार्यालयों से वर्क फ्राम होम को प्राथमिकता देने के लिए कहा है।