ग्वालियर ! किडनी की बीमारी से पीडि़त गुंजन को उनके पति नीरज तो सुनील को उनके पिता भगवानदास किडनी देने को तैयार हैं। अपनों का जीवन बचाने में लगे इन रिश्तों के सुखद एहसासों को आर्थिक तंगी दु:खद बना रही है। किडनी के ऑपरेशन पर होने वाले खर्च का इंतजाम इन दोनों के परिवार नहीं कर पा रहे हैं। किडनी की बीमारी से जूझ रहे इन दोनों मरीजों को आज कलेक्ट्रेट में हुई जन-सुनवाई ने संबल दिया है। कलेक्टर डॉ. संजय गोयल ने राज्य बीमारी सहायता योजना से इन्हें आर्थिक मदद दिलाने के निर्देश मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को दिए।
रसूलाबाद, सुभाषनगर हजीरा निवासी श्रीमती गुंजन ने मंगलवार को जन-सुनवाई में कलेक्टर को अपनी व्यथा सुनाते हुए कहा कि डायलेसिस का खर्चा उठाते-उठाते अब हम बेवश हो चले हैं। मेरे पति श्री नीरज राजपूत पेशे से दिहाड़ी मजदूर हैं। एम्स के चिकित्सकों ने कहा है कि किडनी ट्रांसप्लांट ही तुम्हारी बीमारी का इलाज है। गुंजन भावुक होकर कह रहीं थीं कि मेरे पति किडनी डोनेट करने के लिये तैयार हैं। मगर किडनी ट्रांसप्लांट के खर्चे का इंतजाम हमारे परिवार की सामर्थ्य से बाहर है। इसी तरह खल्लासीपुरा शिंदे की छावनी निवासी श्रीमती नीता कुशवाह ने कलेक्ट्रेट की जन-सुनवाई में पहुँचकर गुहार लगाई कि मेरे पति सुनील कुशवाह की किडनी ट्रांसप्लांट होनी है। इंदौर के चौइथराम अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। नीता का कहना था कि मेरे श्वसुर किडनी दान करने के लिये तैयार हैं। पर इसका खर्चा जुटाना मेरे परिवार के बूते से बाहर है।
कलेक्टर डॉ. गोयल ने इन दोनों की व्यथा को गंभीरता से सुना और ढांढस बंधाया। उन्होंने जन-सुनवाई में मौजूद सिविल सर्जन को निर्देश दिए कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के कार्यालय के माध्यम से इन दोनों को आर्थिक मदद देने के लिये राज्य बीमारी सहायता योजना के तहत प्रकरण तैयार करायें। साथ ही जल्द से जल्द आर्थिक सहायता मंजूर कराएँ। डॉ. गोयल से पुख्ता आश्वासन पाकर गुंजन व नीता खुशी-खुशी अपने घर लौटे। मंगलवार को हुई जन-सुनवाई में कुल 229 फरियादी पहुँचे। कलेक्टर डॉ. संजय गोयल, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी नीरज कुमार सिंह व अपर कलेक्टर विवेक श्रोत्रिय सहित जिला प्रशासन के अन्य अधिकारियों ने एक-एक कर सभी फरियादियों की समस्यायें सुनीं। साथ ही उनके आवेदनों के निराकरण की रूपरेखा तय की।
झोला छाप डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर के निर्देश : बगैर किसी डिग्री के ग्राम सिल्हा भितरवार में अवैध रूप से अस्पताल चला रहे झोला छाप डॉक्टर बीरबल सिंह के खिलाफ एफआईआर कराने के निर्देश कलेक्टर डॉ. संजय गोयल ने दिए हैं। आज हुई जन-सुनवाई में भितरवार से आए एक फरियादी ने इस आशय का आवेदन दिया था। आवेदक का कहना था कि उक्त अस्पताल सील्ड करने के आदेश पूर्व में हो चुके हैं। मगर झोलाछाप डॉक्टर द्वारा अभी तक यह अस्पताल बंद नहीं किया गया है और लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ की जा रही है।

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