छतरपुर।  मातगुंवा थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम ब्यादापुरवा से एक पांच वर्षीय मासूम को पांच लाख की फिरौती के लिए रिश्ते के चाचा ने ही अपहरण कर लिया। मासूम बालक द्वारा अपहरणकतार्ओं की पहचान किए जाने पर आरोपी उसकी हत्या करने की फिराक में थे लेकिन इसके पहले ही पुलिस ने इस मामले में तत्परता दिखाते हुए आरोपी चाचा के साथ उसके दो अन्य साथियों को गिरफ्तार कर लिया है।

पुलिस कंट्रोल रूम में मामले का खुलासा करते हुए पुलिस अधीक्षक सचिन शर्मा ने बताया कि ग्राम ब्यादापुरवा निवासी लक्ष्मण कुशवाहा का 5 वर्षीय बालक अभिषेक कुशवाहा बीते रोज अचानक लापता हो गया था। मातगुंवा थाना पुलिस ने मासूम के पिता की रिपोर्ट पर धारा 363 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया। मातगुंवा थाना प्रभारी उप निरीक्षक सिद्धार्थ शर्मा के नेतृत्व में गठित टीम के द्वारा उक्त अपहृत बालक अभिषेक उर्फ अभि को गांव के सभी संभावित स्थानों पर तलाश की गई लेकिन उसका सुराग नहीं मिला। पुलिस ने बालक के अपहरण होने की संभावना होने पर उसके पिता लक्ष्मण कुशवाहा एवं उसके आसपास के लोगों की प्रतिक्रियाओं पर एवं घटना दिनांक की गतिविधियों के बारे में पता किया। इस मामले में रिश्ते के चाचा मुकेश कुशवाहा पुत्र वृंदावन कुशवाहा उम्र 19 साल निवासी ग्राम ब्यादा पुरवा एवं राजू कुशवाहा पुत्र रामचरण कुशवाहा उम्र 23 साल निवासी ग्राम व्यादापुरवा को पुलिस अभिरक्षा में लेकर पूछताछ की गई तो मुकेश ने अपने दोस्त और राजू कुशवाहा एवं रानू कुशवाहा निवासी राजनगर के साथ मिलकर अपने भतीजे अभिषेक उर्फ अभि पुत्र लक्ष्मण कुशवाहा का 5 लाख की राशि के लिए अपहरण करना स्वीकार किया। आरोपी मुकेश ने पुलिस अभिरक्षा में बताया कि उसके चचेरे भाई यानि अभिषेक के पिता लक्ष्मण को अपनी ससुराल  में जमीन मिली है जिससे उसके पास अभी ज्यादा रूपए थे। इसलिए उसके बेटे का अपहरण करने की योजना पिछले 6 माह से राजू और रानू के साथ मिलकर बनाई थी।

पिता गया ससुराल तो बेटे का किया अपहरण
एसपी सचिन शर्मा ने बताया कि गुजरी 22 अप्रेल को जब मुकेश को पता चला कि लक्ष्मण अपनी पत्नी के साथ बच्चों को घर छोड़कर ससुराल गया है तभी मुकेश, राजू की मोटरसाइकिल लेकर रोड पर पहुंच गया। राजू 5 वर्षीय अभिषेक उर्फ अभि को खेत पर ले जाने के बहाने बहला-फुसलाकर अपने साथ रोड तक ले आया। वहां से आइसक्रीम खिलाने का लालच देकर राजू और मुकेश बच्चे अभि को मोटरसाइकिल से राजनगर ले गए जहां पर उन्होंने अपने साथी राजू कुशवाहा के पास बच्चे को रखने के लिए दे दिया और वापस मोटरसाइकिल से गांव व्यादा पुरवा आकर बच्चे की तलाश गांववासियों के साथ करने लगे ताकि किसी को कोई शक ना हो कि उक्त अपहरण उनके द्वारा किया गया है। आरोपी राजू ने बताया कि लक्ष्मण से उसके बच्चे की 5 लाख रुपये की फिरौती की राशि लेने के बाद बच्चे अभी की हत्या करने की योजना थी क्योंकि अभि पहचान चुका था।

तीनों आरोपियों को पकडने में इनकी रही भूमिका
अपह्रत बालक को अपहरणकतार्ओं के चंगुल से सकुशल दस्तयाब करने के बाद उसके परिजनों को सुपुर्द किया गया। तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से घटना में प्रयुक्त मोटरसाइकिल, मोबाइल फोन एवं एक धारदार छुरा जप्त किया गया है। बच्चे को उसके माता-पिता को सुपुर्द करने के बाद पुलिस ने इस मामले में धारा 364 क, 342, 120 बी, 34भादवि का इजाफा किया है। इस खुलासे में थाना प्रभारी उपनिरीक्षक सिद्धार्थ शर्मा, थाना प्रभारी ईशानगर उपनिरीक्षक आशुतोष श्रोत्रिया, थाना प्रभारी राजनगर उपनिरीक्षक दीपक यादव, सहायक उपनिरीक्षक जगत सिंह, मनीराम, मनमोहन, मनभरण, प्रधान आरक्षक राजेंद्र, राममिलन, रमाकांत रावत, आरक्षक अंकित सोनी, सतीश यादव, पंकज यादव, राघवेंद्र यादव, कुलदीप , दानिश, पुष्पेंद्र तिवारी, धर्मेंद्र मिश्रा, महिला आरक्षक संयोगिता नायक, सैनिक कुंज बिहारी तिवारी की महत्वपूर्ण भूमिका रही।