भोपाल। आमतौर पर देखा जाता है कि सरकार के सामने कई बार जमीनी हकीकत नहीं आ पाती है जिसमें मैदानी अधिकारियों की विशेष भूमिका रहती है। प्रदेश में भीषण गर्मी का दौर चल रहा है और पानी-बिजली को लेकर लोग परेशान हो रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार रात को नसरुल्लागंज से लौटने के बाद सुबह ही जब अफसरों की बैठक की तो उन्हें इसी अंदाज में फटकारा। कहा केवल अच्छी तस्वीर नहीं दिखाएं।

मध्य प्रदेश में कांग्रेस की दिग्विजय सरकार 2003 में सड़क, पानी और बिजली के मुद्दे पर गई थी और इसके बाद कांग्रेस को जनता में विश्वास पैदा करने में 15 साल लग गए। 2018 में कांग्रेस को जनता ने सरकार सौंपी तो लेकिन अपने ही विधायकों के साथ छोड़ देने से उनकी सरकार चली गई। अब जब भाजपा को फिर सरकार मिली है और उसे बिजली और पानी की जमीनी हकीकत से नौकरशाह सरकार को दूर रखने का  प्रयास कर रहे हैं तो सीएम शिवराज सिंह चौहान ने आज सुबह सख्त लहजे में उन्हें फटकारा है।

बिजली और पानी का संकट
उल्लेखनीय है कि इस समय मध्य प्रदेश में बिजली और पानी को लेकर संकट की स्थिति बन रही है। कोयले की कमी के कारण बिजली उत्पादन पर विपरीत असर पड़ने की आशंकाएं व्यक्त की जा रही हैं तो भीषण गर्मी की वजह से पानी की मारामारी की स्थिति अभी से बनने लगी है। आज सुबह जब पानी की समस्या पर अधिकारियों की बैठक सीएम ने ली तो उसमें भी कमोबेश वही तस्वीर दिखाई गई जिससे शिवराज सिंह चौहान ने अफसरों को फटकारा। सीएम ने ग्रामीण विकास, नगरीय विकास और ऊर्जा विकास के अधिकारियों को पूरी तैयारी के साथ आने के निर्देश दिए तो मैदानी स्तर के अधिकारियों को हिदायत दे दी कि केवल अच्छी पिक्चर ही नहीं दिखाएं। समस्याओं की भी जानकारी दें। समस्याएं सामने आएंगी तो उनका समाधान करना और उसके लिए समन्वय कर हल निकालना हमारी जिम्मेदारी व धर्म है।