ग्वालियरा। साध्वी सुश्री मंदाकिनी राजे ने कहा है कि जब जीव ईश्वर तक नहीं पहुंच पाता है तो ईश्वर ही जीव तक पहुंच जाते हैं। इसी चमत्कार को ईश्वरीय अवतार कहते हैं। वात्सल्य रस की धारा बहाते हुए उन्होने भगवान के जन्म की कथा बताते हुए लीला पुरूषोत्तम भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं की मोहक झांकी का वर्णन कर श्रद्धालु भक्तजनों का मन मोह लिया।
सितार वाली बगिया नाट्य कला मंदिर के पास गीता कालोनी लश्कर ग्वालियर में चल रही संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा के पांचवे दिन व्यास पीठ से कथावाचक सुश्री साध्वी मंदाकिनी राजे ने भगवान के अवतार की विस्तृत चर्चा की इस अवसर पर कृष्ण जन्म होते ही उपस्थित धर्मप्रेमी श्रद्धालुओं ने हाथी घोडा पालकी, जय कन्हैया लाल की के जयकारे लगाये तथा इस अवसर पर माखन मिश्री बांटी गई तथा बधाई न्यौछावर की गई।
तत्पश्चात गोर्वधन पर्वत की विस्तृत कथा का वृतांत सुश्री मंदाकिनी राजे ने सुनाया। उन्होने श्री मद् भागवत की महत्ता बताते हुए कहा कि भागवत हमें निष्काम भक्ति करने का संदेश देती है। भगवान के नाम का जप करने से मनुष्य का मोह छूट जाता है तथा श्रीमद् भागवत कथा के श्रवण मात्र से मनीष्य को वैभव और पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
कार्यक्रम में कथा पारीक्षत श्रीमती सोनम हुकुम सिंह परिहार, श्री 108 महंत धर्मषरण त्यागी जी महाराज, राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश खंगार, हाकिम सिंह परिहार, राव गोपाल खंगार, लाल सिंह, संजू खंगार, मनोज सिंह, चरण सिंह, सोनू सिंह, विजय सिंह, बनवारी सिंह, अंकुर सिंह, नरेश सिंह, विक्की प्रशांत डॉ. राकेश सिंह परिहार सहित अनेकों श्रद्धालु समाज बंधु मांताएं बहिने उपस्थित रही।