भोपाला।  मध्य प्रदेश में अब नशीले पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए सीएस, डीजीपी सहित 23 अफसरों को निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस संबंध में केंद्र सरकार ने राज्य शासन को निर्देश दिए थे। जिस पर राज्य सरकार ने इन अफसरों को यह जिम्मेदारी सौंपी है। निगरानी रखने सहित 10 अलग-अलग बिंदुओं पर भी इन अफसरों को काम करना होगा।

राज्य सरकार ने नारकोटिक्स एवं अन्य नशीली दवाओं की रोकथाम और बेहतर समन्वय के लिए समिति का गठन किया है। इस समिति का अध्यक्ष मुख्य सचिव को बनाया गया है। एसीएस होम, डीजीपी सहित हेल्थ, सामाजिक नय विभाग, फॉरेस्ट, स्कूल शिक्ष विभाग, वाणिज्यिक कर विभाग के प्रमुख सचिवों को भी इस समिति में रखा गया है। इनके अलावा डीआईजी रेल, डिप्टी नॉरकोटिक्स कमिश्नर ग्वालियर, एफएसएल के निदेशक को भी इसमें सदस्य बनाया गया है।

केंद्र सरकार के निर्देश पर एक्शन
मध्य प्रदेश में मादक पदार्थो की तस्करी की स्थिति की निगरानी करना, नारकोटिक्स ड्रग्स और साइकोट्रोपिक पदार्थो जो तटीय राज्यों से तस्करी कर आते हैं उन पर राष्टÑीय नीति के तहत काम करना होगा। ड्रग कानून और नशीली दवाओं के दुरुपयोग से संबंधित मामलों पर राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के बीच समन्वय करना। नशीली दवाओं के दुरुपयोग के प्रति जागरुकता को बढ़ावा देना। मध्य प्रदेश में मादक फसलों की अवैध खेती से प्रभावित क्षेत्रों में वैकल्पिक विकास कार्यक्रम तैयार करने का जिम्मा इस समिति को दिया गया है। राज्य में नशा मुक्ति केंद्र और पुनर्वास केंद्रों की स्थापना करना भी इस समिति का काम होगा। इसके अलावा यह समिति नशे के कारोबार को रोकने के लिए नए प्लान भी तैयार कर सकती है।