
रविवार सुबह सीएम के उपवास स्थल के मंच पर बैठते ही किसानों के प्रतिनिधिमंडलों का उनसे मुलाकात का दौर शुरू हो गया था। उपवास स्थल पर महात्मा गांधी के प्रिय भजन चलाए गए। मंच के पीछे पंडित दीनदयाल उपाध्याय और गांधी जी का चित्र भी लगाया गया था। सीएम के साथ उनकी पत्नी के अलावा कैबिनेट के भी कई सदस्य मौजूद रहे। राजधानी में शनिवार और रविवार की दरमियानी रात तेज बारिश के कारण उपवास स्थल पर कई जगह अव्यवस्थाएं भी फैल गईं। हालांकि एडमिनिस्ट्रेशन ने बारिश की आशंका के चलते यहां वाटरप्रूफ पंडाल लगाया था, लेकिन इसके बाद भी कई जगह कीचड़ और जलभराव जैसे हालात पैदा हो गए।
इससे पहले शिवराज ने कहा, मैं एयर कंडीशन में रहने वाला सीएम नहीं हूं। रातभर मैं किसानों के बारे में ही सोचता रहा। मैंने हमेशा किसानों की परेशानियां दूर करने की कोशिश की है। वे हमारे लोग हैं। उनकी समस्याएं भी हमारी हैं। मैं यही सोचता हूं कि कैसे उत्पादकता बढ़ाई जाए। उन्होंने यह भी कहा कि मारे गए किसानों के परिजन मुझसे मिले हैं और उन्होंने उपवास तोड़ने को कहा है। बता दें कि प्रदेश में हिंसक किसान आंदोलन के बीच प्रदेश में शांति के लिए चौहान ने शनिवार से यहां BHEL दशहरा मैदान पर अनिश्चितकालीन उपवास शुरू किया था।