राज्‍यसभा के भीतर जब घड़ी की सुई ठीक 11 पर आई तो सदन हाउसफुल था. सदन में सभी दिग्गज नेता नेता नए प्रिंसिपल के स्वागत के लिए फुल अटेंडेंस में थे. खासतौर से सबसे आगे की लाइन में पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह, कर्ण सिंह, एके एंटनी, सीताराम येचुरी, रामगोपाल यादव और चेयर के दाईं तरफ तमाम केंद्रीय मंत्री इस अहम घड़ी का हिस्सा बनने के लिए प्रजेंट थे.

खास बात यह है कि लेफ्ट से लेकर राइट और राइट से लेकर सेंटर तक तमाम लोगों ने वेंकैया नायडू की भूरि-भूरि प्रशंसा की. 11 से 12 बजे का एक घंटा सदन के लिए काफी दिलचस्‍प रहा.

पीएम ने जमकर तारीफ की

सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक संक्षिप्त भाषण में वेंकैया नायडू का अभिनंदन किया. उनकी पृष्ठभूमि और उनके गरीब फैमिली बैकग्राउंड की मिसाल देते हुए पीएम ने कहा कि यह लोकतंत्र की मैच्योरिटी है कि आज गांव के गरीब तमाम पदों पर आसीन हैं. PM यहीं नहीं रुके, उन्होंने नायडू की ऑडिएंस से जबरदस्त कनेक्ट की बात करते हुए कहा कि वेंकैया नायडू साहब की तुकबंदी और सुपरफास्ट भाषण इस बात का प्रमाण हैं कि उनको विषयों के बारे में कितनी जानकारी है. अंत में अपना भाषण खत्म करते हुए प्रधानमंत्री ने वेंकैया नायडू की तारीफों के पुलिंदे बांधते हुए शेर पढ़ते हुए कहा, ‘ अमल करो ऐसे अमन (सदन) में, जहां से गुजरें तुम्हारी नजरें उधर से तुम्हें सलाम आए’.

साधारण बैकग्राउंड सभी के लिए मिसाल

राज्‍यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि वेंकैया नायडू साधारण बैकग्राउंड से आते हैं, इसलिए औरों को भी प्रोत्साहन मिलेगा, लेकिन उनकी जिम्मेदारी है कि वह अपने पद की गरिमा को बनाए रखें और तराजू को बराबर रखें. कोई भी बिल शोर-शराबे में पास ना होने दें.

ट्रेजरी बेंचेज़ ने रामगोपाल के भाषण पर टेबल थपथपाई

समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव तीसरे वक्ता थे. अपने छोटे से भाषण में भी उन्होंने कुछ ऐसा कहा जिससे ट्रेजरी बेंचर्स ने अपनी टेबल जमकर थपथपाए. गुलाम नबी आजाद की बात पर ही टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि शोर-शराबे में बिल पास ना हो, यह सुनिश्चित करना सिर्फ सभापति की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि उन लोगों की भी है जो शोर कर रहे हैं उनको पता होना चाहिए कि किस बात पर और क्यों शोर कर रहे हैं. यह सुनते ही ट्रेजरी बेंच ने टेबल थपथपाकर उनकी सराहना की.

आपका पहला और मेरा आखरी भाषण

सीताराम येचुरी ने अपने भाषण में वेंकैया नायडू से अपना 40 साल पुराना नाता याद दिलाया और कहा कि यह भी एक विडंबना है कि जब आप पहली बार सभापति बन के सदन में आ रहे हैं और पहली बार आज बोलने जा रहे हैं तो मेरा आपके अभिनंदन में बतौर सांसद आखरी भाषण है. नायडू के मजाकिया अंदाज की चर्चा करते हुए सीताराम येचुरी ने कहा कि जब एक पत्रकार ने वेंकैया नायडू से पूछा कि आप दोनों धुर विरोधी हैं, फिर भी एक साथ कैसे? तो वेंकैया नायडू ने जवाब देते हुए कहा कि अगर मैं किसी ट्रेन की कंपार्टमेंट पर चढ़ूं और वहां पर मुझे सीताराम येचुरी दिखें तो क्या मैं उतर जाऊं?

पीएम की मौजूदगी ने किया सांसद को नर्वस

पीएम मोदी 11 बजे से लेकर 12 बजे तक सदन में बैठे रहे, इस दौरान उन्होंने सभी नेताओं के भाषण को गौर से सुना. यह और बात है कि पीएम की मौजूदगी ने बीजू जनता दल के सांसद दिलीप टर्की को नर्वस कर दिया. दिलीप टर्की जब बोलने के लिए खड़े हुए तो वह घबराए हुए नजर आए. उन्होंने माना कि पीएम के सामने वह पहली बार बोल रहे हैं, इसलिए वह थोड़ा-सा नर्वस हैं. इस पर सीताराम येचुरी ने बोला कि डरो मत डरने की जरूरत नहीं है. इसके बाद जब टीडीपी के सांसद सी रमेश भी खड़े हुए तो उन्होंने यह भी बोला कि वह पीएम के सामने पहली बार बोल रहे हैं. हालांकि उन्होंने अपना भाषण तेलुगु में दिया.

पहला जजमेंट सरकार के खिलाफ पास हो सकता है…

पीएम की बात को ही आगे ले जाते हुए बसपा के नेता सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि दरअसल आज सरकारी वकील जज बन गया है. तो जैसे कोर्ट में होता है कि जब एक सरकारी वकील जज की भूमिका निभाता है, तो वह पहला ऑर्डर सरकार के खिलाफ भी पास कर सकता है. तो मैं नायडू साहब को अच्छी तरह जानता हूं, अगर जरूरत पड़ेगी तो वह इस इंसाफ के पलड़े को बराबर जरूर रखेंगे.

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