नई दिल्ली । आशीर्वाद टावर हादसे ने लोगों को झकझोर कर रख दिया। अपार्टमेंट के अंदर रेस्क्यू करने पहुंचे फायर ब्रिगेड कर्मियों की आंखें कई बार नम हो रही थीं। आग में झुलसे हुए लोगों को जब कर्मी पार कर रहे थे, उस समय आग में जलकर खाक हो गई। अपनी मां के सीने से चिपकी बेटी हाथ हिला कर मदद मांग रही थी। मां खुद तो जल गई लेकिन अपनी बेटी को बचाने के लिए आखिरी सांस तक अपने सीने से उसे चिपकाए रखा। दमकल कर्मियों ने मां के सीने से बच्ची को हटाया तो उसकी सांसे चल रही थीं, लेकिन अस्पताल पहुंचने पर बेटी ने भी दम तोड़ दिया।

सीढ़ियों में पड़ा था जले लोगों का शव
मंगलवार को घटना के बाद दमकल कर्मी जब रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहे थे। उस समय एक ही स्थान पर चार पांच लोगों का बुरी तरह जला हुआ शव मिला। शवों को छोड़ दमकल व पुलिसकर्मी दूसरे फ्लैट व दूसरी मंजिल पर सर्च ऑपरेशन चलाने चले गए। इसी दौरान शवों के ढ़ेर से एक आवाज आई। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि सात साल की एक बच्ची ने पहले हाथ उठाया फिर उसने आवाज दी। तुरंत राहतकर्मी उसकी ओर लपके।

जल चुकी मां की गोद से लिपटी थी बच्ची
शवों को हटा कर देखा कि उसकी मां ने अपनी छाती से बच्ची को समेट रखा था। मां खुद बुरी तरह जल चुकी थी कि लेकिन अपनी बच्ची को जलने से बचा लिया। बच्ची मां को देख बार-बार रो रही थी और उसे छोड़ने को तैयार नहीं थी। दृश्य देख राहतकर्मियों की भी आंखें भर आईं। वहां ऑक्सीजन लेबल काफी कम था। सांस लेने में राहतकर्मियों को भी परेशानी हो रही थी। बच्ची को तुरंत गोद में उठा कर नीचे लाया गया और तत्काल उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालांकि दुखद यह रहा कि बच्ची नहीं बच सकी।

मंगलवार शाम साढ़े 6 बजे लगी थी आग
गौरतलब है कि झारखंड के धनबाद में 10 मंजिला इमारत आशीर्वाद टावर में मंगलवार शाम तकरीबन साढ़े 6 बजे आग लग गई। तीसरे फ्लोर पर लगी आग जल्दी ही 5वें फ्लोर तक पहुंच गई। बताया जा रहा है कि दीये से लगी आग भड़की इसके बाद वहां शादी समारोह के लिए रखे गए गैस सिलेंडर में ब्लास्ट हुआ और आग बेकाबू हो गई। लोग कुछ समझ पाते तब तक 14 कीमती जिंदगियां खत्म हो चुकी थी। 18 से ज्यादा लोग घायल हैं। घायलों का धनबाद के विभिन्न अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है।