मध्य प्रदेश के सोनम और राजा के बाद सिक्किम में हनीमून पर गया एक और नवविवाहित जोड़ा लापता हो गया है। 11 दिन से दोनों का कोई सुराग नहीं मिला है। राजा और सोनम मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। राजा का शव पहले ही बरामद हो गया था। अब सोनम भी सही सलामत यूपी के गाजीपुर में मिल गई है। वहीं, एक और मामला उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के नवविवाहित दंपति कौशलेंद्र और उनकी पत्नी अंकिता का आया है। जिनका अब तक कोई पता नहीं चल सका है। परिजनों का कहना है कि “अब तक एक चप्पल तक नहीं मिला।”
1000 फीट गहरी खाई में गिरा वाहन, 11 दिन से लापता हैं दोनों
प्रतापगढ़ के लालगंज तहसील के राहाटीकर गांव के रहने वाले कौशलेंद्र और उनकी पत्नी अंकिता 25 मई को हनीमून पर सिक्किम गए थे। 29 मई को जिस ट्रैवलर वाहन में वे सफर कर रहे थे, वह पहाड़ों में फिसलकर करीब 1000 फीट गहरी खाई में गिर गया। इस हादसे के बाद से दोनों का कुछ भी पता नहीं चल पाया है।
दो लोग बचे, उन्होंने बताया – दंपति भी ट्रैवलर में थे
हादसे में ट्रैवलर में सवार दो लोगों को बचा लिया गया है। इनमें से एक ICU में भर्ती है और दूसरा सामान्य वार्ड में। दोनों घायलों ने पुष्टि की है कि कौशलेंद्र और अंकिता भी उसी गाड़ी में मौजूद थे।
अब तक नहीं मिला एक भी सामान, परिजन परेशान
रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी टीम को ट्रैवलर में मौजूद अन्य लोगों के बैग, कपड़े, जूते, घड़ी वगैरह मिले हैं, लेकिन इनमें से कोई भी सामान न तो कौशलेंद्र का है और न ही अंकिता का। उनके पिता शेर बहादुर सिंह का कहना है, “अब तक मेरे बेटे-बहू की एक चप्पल तक नहीं मिली। जब तक उन्हें ढूंढ नहीं लेता, सिक्किम नहीं छोड़ूंगा।”
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से लगाई गुहार
कौशलेंद्र के पिता ने सोशल मीडिया के ज़रिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि वे रेस्क्यू ऑपरेशन को तेज कराएं।
5 मई को हुई थी शादी, बेटी से आखिरी बार 29 मई को बात हुई
अंकिता के पिता विजय सिंह ने बताया कि उनकी बेटी की शादी कौशलेंद्र से 5 मई को हुई थी। दोनों 25 मई को हनीमून के लिए रवाना हुए थे। “29 मई को मेरी बेटी से बात हुई थी। वह बहुत खुश थी, लेकिन उसके बाद से उसका फोन बंद है। पूरा परिवार सदमे में है।”
दादा नेता ने जताई नाराजगी
कौशलेंद्र के दादा और भाजपा नेता डॉ. उम्मेद सिंह ‘इन्सान’ ने कहा कि उन्होंने यूपी सरकार, राज्यपाल, गृहमंत्री, पीएमओ तक संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कहीं से कोई मदद नहीं मिली। उनका कहना है, “हम पार्टी के पुराने कार्यकर्ता हैं, लेकिन आज कोई हमारी मदद को नहीं आया। ओडिशा सरकार ने तुरंत एक्शन लिया, जबकि यूपी और केंद्र सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया।”