इन्दौर। लगभग 368 दिन जेल में रहने के बाद अपनी 4 माह की बेटी को रेलवे स्टेशन पर लावारिस छोड़ जाने के आरोप से पिता रघुनाथ जाट निवासी फतेहपुर सीकरी, राजस्थान को कोर्ट ने संदेह का लाभ देकर बरी कर दिया। 21 नवंबर 2015 को इंदौर के रेलवे स्टेशन पर एक हाथ ठेले पर करीब चार माह की बच्ची लावारिस हालत में रोती हुई मिली इस मामले में उसके पिता उक्त रघुनाथ को आरोपी बनाया था।

केस की ट्रायल के दौरान अभियुक्त रघुनाथ ने अपने कथन में कहा कि उसकी पत्नी सुनीता से घटना वाले दिन स्टेशन के पास उसका विवाद हो गया था। इस दौरान 4 माह की बच्ची उसकी मां के पास ही थी। विवाद के बाद बच्ची और पत्नी को वही छोड़ वह अपने बेटे के साथ अपने घर राजस्थान चला गया था। पुलिस को बच्ची मां को आरोपी बनाया जाना चाहिए था, लेकिन ना तो उसे आरोपी बनाया ना ही उसे साक्षी के रूप में प्रस्तुत किया। न्यायालय ने कहा कि उसकी राय में बच्ची की मां पूजा महत्वपूर्ण साक्षी हो सकती थी, लेकिन उसे ना ही साक्षी बनाया गया कोर्ट ने संदेह का लाभ देते हुए आरोपी रघुनाथ को आईपीसी की धारा 317 के आरोप से दोषमुक्त कर दिया। आरोपी की ओर से अधिवक्ता आशीर्वाद चौरसिया ने पैरवी की।