भोपाल. मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी में आगामी उपचुनाव को लेकर भले ही तैयारियां शुरू हो गई हों, लेकिन उम्मीदवार चयन को लेकर पार्टी के अंदर बवाल उठता हुआ नजर आ रहा है. एक तरफ जहां खंडवा लोकसभा सीट पर कांग्रेस नेता अरुण यादव अपनी दावेदारी जताते हुए प्रचार में जुट गए हैं, वहीं कमलनाथ के अरुण यादव की दावेदारी को लेकर दिए गए बयान के बाद मामला उलझा नजर आ रहा है. अब अरुण यादव की उम्मीदवारी का मामला दिल्ली तक जा पहुंचा है. खंडवा लोकसभा सीट के विवाद को सुलझाने के लिए अब प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक भोपाल में डेरा डाल फीडबैक लेने का काम करेंगे.
PCC में संगठन मंत्री चंद्रप्रभाष शेखर का कहना है कि 29 जुलाई को प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक बैठक करेंगें. इसमें एक लोकसभा सीट समेत 3 विधानसभा सीट के उप चुनाव की रणनीति पर मंथन होगा. चंद्रप्रभाष शेखर के मुताबिक फिलहाल उम्मीदवारी को लेकर पार्टी में कोई अंतिम सहमति नहीं बनी है. लेकिन उपचुनाव में पार्टी की रणनीति क्या हो इसको लेकर जरूर मंथन किया जाएगा. अरुण यादव की दावेदारी पर फैसला भी पार्टी हाईकमान लेगा.
गौरतलब है कि बीते दिनों कमलनाथ ने खंडवा लोकसभा सीट पर अरुण यादव की दावेदारी पर कहा था कि अरुण यादव उप चुनाव लड़ना चाहते हैं. इसकी जानकारी उन्हें नहीं है. न ही अरुण यादव ने अब तक उनकी दावेदारी को लेकर उनसे कोई चर्चा की है. कमलनाथ ने साफ कहा था कि खंडवा लोकसभा सीट समेत सभी उप चुनाव वाली सीटों पर पार्टी सर्वे के आधार पर फैसला लेगी. लेकिन अरुण यादव के अचानक सक्रिय होने के बाद उनकी दावेदारी को लेकर पार्टी के अंदर बवाल मचता हुआ नजर आ रहा है.
खंडवा लोकसभा सीट पर किस्मत आजमाने के लिए निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा भी जोर लगा रहे हैं. सुरेंद्र सिंह शेरा कांग्रेस के कई नेताओं से संपर्क बना चुके हैं. शेरा की कोशिश है कि खंडवा लोकसभा सीट पर उनको या उनके परिवार के सदस्य को टिकट दिया जाए. वहीं, कांग्रेस पार्टी के सामने चुनौती इस बात को लेकर भी है कि खंडवा सीट पर यदि बीजेपी नंदकुमार सिंह चौहान के परिवार सदस्य को उम्मीदवार बनाती है तो वह कांग्रेस के लिए चुनौती बन सकता है. ऐसे में खंडवा लोकसभा सीट को जीतने के लिए कांग्रेस ऐसा चेहरा उतारने की कोशिश में है जो पार्टी को जीत दिला सके.