लखनऊ । यूपी में विवाहित बेटियों के हक में बड़ा फैसला किया गया है। अब यूपी में अगर सर्विस के दौरान सरकारी अधिकारी की मौत हो जाती है, तो उसकी विवाहित बेटी भी मृतक आश्रित कोटे से सरकारी नौकरी की हकदार होगी। कार्मिक विभाग के फैसले को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली कैबिनेट ने बुधवार को मंजूरी दे दी है।

सरकार अब तक मृतक आश्रित कोटे के तहत पुत्रों, विवाहित पुत्रों एवं अविवाहित पुत्रियों को रोजगार उपलब्ध कराती रही है। इन आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर ग्रुप डी की नौकरी या शैक्षणिक योग्यता के आधार पर ग्रुप सी की नौकरी देने का प्रावधान है। अभी तक विवाहित बेटियों के लिए प्रावधान के अभाव में उन्हें नौकरी नहीं मिल पा रही थी। ऐसे में जिन परिवारों में केवल एक विवाहित बेटी ही है, उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था।

ऐसे में पुरानी व्यवस्था में संशोधन किया गया और अब विवाहित बेटियों को भी मृतक आश्रित परिवार में शामिल किया जाएगा। बता दें कि इस साल की शुरुआत में, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा था कि अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के नियमों में विवाहित बेटियों को परिवार की परिभाषा से बाहर करना असंवैधानिक है और संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 का उल्लंघन है। ऐसे में केंद्र ने परिवार की परिभाषा में शादीशुदा बेटी को भी शामिल किया है। उच्च न्यायालय ने भी जनवरी में एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि एक विवाहित बेटी अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी के लिए अपने विवाहित भाई या अविवाहित बहन से कम योग्य नहीं है।

अदालत मंजुल श्रीवास्तव की एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें प्रयागराज के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के जून 2020 के आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें राज्य सरकार में उनकी सेवा के दौरान उनके पिता की मृत्यु के बाद अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के उनके दावे को खारिज कर दिया गया था। बता दें कि यूपी में साल 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में यूपी सरकार का ये फैसला जनता के बीच काफी अहम माना जा रहा है।

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