बेंगलुरु कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में लोकायुक्त पुलिस ने बीजेपी विधायक मदाल विरुपक्षप्पा के बेटे प्रशांत कुमार के घर से 6 करोड़ रुपये बरामद किए हैं। इससे एक दिन पहले ही प्रशांत को एक कांट्रेक्टर से 40 लाख रुपये घूस लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया था। लोकायुक्त सूत्रों के अनुसार, प्रशांत कुमार बैंगलोर वाटर सप्लाई एंड सीवेज बोर्ड में चीफ अकाउंस ऑफिसर हैं। उन्हें गुरुवार शाम कर्नाटक सोप एंड डिटर्जेंट लिमिटेड के ऑफिस पर एक कांट्रेक्टर से 40 लाख रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया।

बीजेपी विधायक मदाल विरुपक्षप्पा KSDL के चेयरमैन हैं। लोकायुक्त सूत्रों के अनुसार, प्रशांत पर अपने पिता की जगह रिश्वत की ‘पहली किस्त’ प्राप्त कर रहे थे। पुलिसकर्मियों को KSDL के दफ्तर से नोटों से भरे तीन बैग भी मिले हैं। लोकायुक्त के अधिकारियों ने प्रशांत को रंगे हाथ पकड़ने के तुरंत बाद उनके घर पर छापा मारा उनका अभियान शुक्रवार को भी जारी है। शुक्रवार को लोकायुक्त सूत्रों ने बताया कि उन्होंने प्रशांत कुमार के घर से 6 करोड़ रुपये कैश बरामद किए हैं।

बता दें कि प्रशांत कुमार को जिस कांट्रेक्टर से 40 लाख रुपये घूस लेते हुए पकड़ा गया, वो KSDL को साबुन और डिटर्जेंट प्रोडक्शन के लिए कैमिकल की सप्लाई करता है। बीजेपी विधायक के बेटे ने कांट्रेक्टर से 81 लाख रुपये की डिमांड की थी और 40 लाख रुपये के रूप में उसे पहली किश्त गुरुवार को मिली। कांट्रेक्टर ने खुद इस बारे में लोकायुक्त को जानकारी दी थी और इसके बाद जाल बिछाया गया।

मुख्यमंत्री ने क्या कहा?
मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री बोम्मई ने कहा कि यह ट्रैप बताता है कि पिछली कांग्रेस सरकार के उलट लोकायुक्त को भ्रष्टाचार रोकने फिर से जीवित किया गया है। कांग्रेस सरकार ने अपने गलत कामों को कवर करने के लिए लोकायुक्त संस्था के अलावा एक अलग एंटी करप्शन ब्यूरो बनाया था।

उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में मजबूत लोकायुक्त न होने की वजह से कांग्रेस सरकार के करप्शन से जुड़े मामलों में कभी भी जांच नहीं हो सकी। उन्होंने कहा, “हम लगातार कह रहे हैं कि हम निष्पक्ष जांच कराएंगे। इस मामले में भी हमारा स्टैंड है कि स्वतंत्र लोकायुक्त संस्था निष्पक्ष जांच करेगी और जिसने भी गलत किया है उसके खिलाफ कार्रवाई होगी. हमारे स्टैंड में कोई बदलाव नहीं आया है।”