ग्वालियर। होनहार महापुरुषों को जन्म देने वाली मां धन्य होती हैं। कौशल्या, अंजना, त्रिशला, मरु देवी इसलिए जगत में पूज्य हैं क्योंकि इन्होंने राम, हनुमान, महावीर, ऋषभ देव जैसे महापुरुषों को जन्म दिया।
स्त्री पर्याय तभी धन्य होती है जब उसकी संतान सद्कार्य व सदाचरण करती है। दीपक मात्र लोक को प्रकाशित करता है किंतु संस्कारित कुल दीपक तीन लोकों को प्रकाशित करते हैं। उक्त उद्गार जैन राष्ट्रसंत मुनिश्री विहर्ष सागर महाराज ने नई सड़क स्थित चंपाबाग धर्मशाला आयोजित माता पिता की गोद भराई के दौरान धर्मसभा में व्यक्त किए।
मुनिश्री ने कहाकि मानव पर्याय दुर्लभ है इसलिए इस पर्याय का सदुपयोग करना चाहिए। शरीर के सुख और इंद्रियों के क्षणिक सुख के लिए जीवों को कष्ट नहीं देना चाहिए। बच्चों को समय, संपदा और सत्ता तो हम दे देते हैं किंतु संस्कार, समझदारी और संयम नहीं दे पाते। इसलिए युवा पीढ़ी भटक रही है।
माता-पिता पाश्चात्य संस्कृति से प्रभावित होकर आधुनिक उपकरणों में संलग्न हैं जो परिवार के लिए ठीक नहीं है। सोमवार को विहर्ष पंचकल्याणक समिति की एक टीम ग्वालियर में 18 से 24 तक होने वाले पंचकल्याणक महोत्सव के लिए भिंड नगर में विराजित गणाचार्य श्री विराग सागर महाराज ससंघ को आमंत्रित करने के लिए श्रीफल भेंट कर आचार्यश्री को पंचकल्याणक महोत्सव में सम्मिलित व महोत्सव के लिए मंगल आशीर्वाद लिया।