भोपाल । मध्य प्रदेश सरकार ने लोक एवं निजी संपत्ति को नुकसान की वसूली कानून के तहत क्लेम ट्रिब्यूनल का गठन कर लिया है। रिटायर्ड डिस्ट्रिक्ट जज डॉ. शिवकुमार मिश्रा को अध्यक्ष और रिटायर्ड सचिव प्रभात पाराशर को सदस्य नियुक्त किया है।

खरगोन में रामनवमी जुलूस पर हुए पथराव और आगजनी की घटना पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने स्पष्ट संदेश दिया था कि जिन्होंने नुकसान पहुंचाया है, उनसे ही भरपाई करवाई जाएगी। सरकार के फैसले को इससे जोड़कर देखा जा रहा है।

प्रदेश सरकार ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। क्लेम ट्रिब्यूनल का मुख्यालय जिला कलेक्ट्रेट खरगोन रहेगा। प्रक्रिया के तहत खरगोन में अब दंगाइयों ने जिस सपंत्ति को नुकसान पहुंचाया है, उसके लिए दावे आमंत्रित किए जाएंगे। सरकारी संपत्ति पर जिला कलेक्टर, कार्यालय प्रमुख और निजी संपत्ति के नुकसान पर संपत्ति का मालिक या संपत्ति का नियंत्रणकर्ता 30 दिन में आवेदन कर सकेंगे।

क्लेम ट्रिब्यूनल अवॉर्ड पारित करेगा। इसके बाद जिन लोगों ने नुकसान पहुंचाया या जिनके उकसाने पर नुकसान पहुंचाया गया, उनकी पहचान की जाएगी। ट्रिब्यूनल नुकसान के दो गुना तक के अवॉर्ड पारित कर सकेगा। ट्रिब्यूनल के अवॉर्ड पारित करने के 15 दिन में भुगतान नहीं होने पर ब्याज तथा आवेदनकर्ता को क्लेम ट्रिब्यूनल में दाखिल प्रकरण में हुए खर्चे की वसूली के आदेश भी देने के अधिकार है।

क्लेम ट्रिब्यूनल का हर्जाने का निर्धारण यथा संभव आवेदन करने के 3 माह में करना आवश्यक होगा। ट्रिब्यूनल को सिविल कोर्ट के अधिकार और शक्तियां होगी। क्लेम ट्रिब्यूनल के आदेश केवल उच्च न्यायलय में अवॉर्ड पारित होने के 90 दिन में चैलेंज किए जा सकेंगे।

वहीं, क्लेम ट्रिब्यूनल द्वारा नुकसानी की वसूली का अवॉर्ड घोषित किए जाने के 15 दिन में राशि जमा नहीं करने पर क्लेम ट्रिब्यूनल जिला कलेक्टर को प्रमाण पत्र जारी कर सकेंगे। तथा कलेक्टर भू-राजस्व के बकाया की वसूली के लिए संबंधितों की चल-अचल संपत्ति की कुर्की एवं नीलामी कर उक्त राशि वसूल कर हर्जाना नुकसान का अवॉर्ड अनुसार विधिवत भुगतान करेंगे।

इस अधिनियम से पुलिस की कार्रवाई बाधित नहीं होगी। मध्य प्रदेश में दिसंबर माह में विधानसभा में मध्य प्रदेश लोक एवं निजी संपत्ति को नुकसान का निवारण एवं नुकसानी की वसूली विधेयक- 2021 पारित किया गया है। इसके अनुसार यह प्रदेश का पहला क्लेम ट्रिब्यूनल है।