भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना प्रोटोकॉल को ध्यान में रखकर आज से अनेक विद्यालयों में ग्यारहवीं और बारहवीं की कक्षाएं प्रारंभ हो गयीं। हालाकि अभिभावकों की लिखित अनुमति के बाद ही बच्चों को स्कूल में बुलाया जा रहा है और ऑनलाइन कक्षाएं भी जारी हैं। राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग ने तीन दिन पहले राज्य के सभी सरकारी और निजी विद्यालयों में 26 जुलाई से कोरोना संबंधी सभी प्रोटोकॉल का पालन करते हुए 11वीं और 12वीं की कक्षाएं प्रारंभ करने के निर्देश दिए थे। आदेश के अनुसार सप्ताह में दो दिन 11वीं और 12वीं की कक्षाएं लगाने के लिए कहा गया है। बारहवीं के लिए सोमवार और गुरुवार के दिन और ग्यारहवीं के लिए मंगलवार एवं शुक्रवार के दिन निर्धारित किए गए हैं। विद्यालय में विद्यार्थियों के लिए दूर दूर बैठाने के अलावा अन्य उपाय अपनाने के लिए भी कहा गया है।

  इसके अलावा अभिभावकों से बच्चों के संबंध में लिखित में अनुमति लेना भी आवश्यक किया गया है। इसके अलावा आगामी 05 अगस्त से नवीं और दसवीं की कक्षाएं प्रारंभ करने की योजना है। आदेश के परिपालन में आज भोपाल और अनेक शहरों तथा नगरों में कुछ स्कूलों में विद्यार्थियों की मौजूदगी में अध्यापन का कार्य प्रारंभ हुआ, लेकिन अभी बारिश आदि के कारण भी स्कूलों में विद्यार्थियों की मौजूदगी काफी कम रही। इसके अलावा कोरोना के नए प्रकरण आने का क्रम नहीं थमने के कारण अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने में कतरा रहे हैं। क्योंकि अभी बच्चों को वैक्सीन भी नहीं लगी है।

  इसके अलावा कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों के प्रभावित होने की आशंका संबंधी खबरों को लेकर भी अभिभावक बच्चों को लेकर काफी सतर्क नजर आ रहे हैं। भोपाल में प्रमुख निजी स्कूलों में अभिभावकों से निर्धारित प्रारूप में बच्चों की सुरक्षा को लेकर फॉर्म भरवाए जा रहे हैं। इसमें यह लिखा गया है कि स्कूल में अध्ययन के दौरान बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर स्कूल प्रशासन जिम्मेदार नहीं होगा। इस वजह से काफी अभिभावकों ने अपनी सहमति नहीं दी है। स्कूल शिक्षा विभाग का कहना है कि कई महीनों से शिक्षण कार्य बंद था और अब कोरोना के नए प्रकरण काफी कम हो गए हैं।

  इसलिए पूरी ऐहतियात बरतते हुए स्कूल खोलने का निर्णय हुआ है। इसके बावजूद सरकार प्रतिदिन कोरोना की स्थिति की समीक्षा कर रही है और इसके अनुरूप स्कूलों के संबंध में निर्णय लिए जाएंगे। मध्यप्रदेश में मार्च 2020 में कोरोना के कारण लॉकडाउन लागू होने के बाद से ही स्कूल बंद हैं। इस वर्ष की शुरूआत में कुछ स्थानों पर स्कूलों में अध्ययन का कार्य प्रारंभ हुआ था, लेकिन अप्रैल माह में कोरोना की दूसरी लहर के प्रकोप के कारण स्कूल फिर से बंद कर दिए गए थे।   

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