ग्वालियर। नगरीय निकाय चुनाव में बीजेपी को बड़ा झटका लगा है, क्योंकि कांग्रेस के पास तो कुछ खोने को था ही नहीं। उसने तो पाया ही पाया है। जबकि भाजपा ने अपने शासित निगमों के मेयरों को कांग्रेस को सौंप दिया है।
ग्वालियर में कांग्रेस का लगभग 57 साल का सूखा आज खत्म हो गया। विधायक डा. सतीश सिंह सिकरवार की पत्नी शोभा सिकरवार रिकार्ड जीत की ओर अग्रसर है। वहीं जबलपुर में भी कांग्रेस 25 साल बाद अपना मेयर बना रही है। छिंदवाडा में भी कांग्रेस की वापसी हो गई है। तीन बड़े निगमों में कांग्रेस के मेयरों की जीत भाजपा को मंथन करने पर ले आई है। भाजपा भले ही आज खुश हो और भोपाल कार्यालय पर जश्न चल रहा है। मुख्यमंत्री भोपाल की नवनिर्वाचित मेयर का स्वागत करे है। लेकिन उनकी खुशी में कुछ कमी तो रही गई। छिंदवाडा, ग्वालियर, जबलपुर, सिंगरौली कमल दल से छीन गये हैं। बीजेपी कहती है कि हमारे यहां नेता नहीं पार्टी चुनाव लड़ती है जबकि इन स्थानों में ऐसा देखने को नहीं मिला। वहीं चुनावी एक्सपर्ट की माने तो कांग्रेस जहां-जहां एकजुटता से लड़ी वहां वहां परिणाम सबके सामने है। जहां गुटों में संघर्ष देखा गया वहां हार का सामना करना पड़ा। हालांकि इस चुनाव में कांग्रेस के पास कुछ खोने को था ही नहीं उसने सिर्फ पाया ही पाया है।