बरेली कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। बरेली में रेप केस फर्जी मामले में युवक को जेल भिजवाने वाली लड़की को कोर्ट ने उतने ही साल की सजा सुनाई है जितने साल वह युवक जेल में रहा है। युवती को फर्जी रेप केस करना भारी पड़ गया। इस दौरान कोर्ट ने सख्त टिप्पणी भी की है कोर्ट ने कहा कि लड़की ने युवक को रेप केस में फसाने के लिए कानून का गलत इस्तेमाल किया है।

कोर्ट ने सुनाया ऐतिहासिक फैसला

बरेली कोर्ट के न्यायाधीश ज्ञानेंद्र त्रिपाठी ने फर्जी रेप केस मामले में फैसला सुनाते हुए कहा है कि, इस तरह के काम करने से जो वास्तविक पीड़ित होते हैं उनको नुकसान उठाना पड़ता है इसीलिए गलत फायदे के लिए महिलाओं को पुरुषों के हितों पर आघात करने की छूट नहीं दी जा सकती।’ युवती ट्रायल के दौरान अपने बयान सीधे तौर पर मुकर गई कोर्ट ने युवती से बयानों पर मुकरने को लेकर सवाल किया तो युक्ति ने कहा मैं आज जो बयान दे रही हूं वही सही है। उसने कहा कि मैं पहले जो बयान दिया था वह गलत था। सच्चाई सामने आने के बाद कोर्ट ने लड़के को बरी कर दिया। जज ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि फर्जी रेप केस में अपराधी साबित हुए युवक को अपराध से मुक्त किया जाता है और युवती को भी उतने ही दिनों की सजा सुनाई गई जितने दिन वह जेल में कैद था।

4 साल की युवक को मिली थी सजा

यह मामला बरेली का है जहां ज्योति के अपहरण और रेप हुआ था जिसमें एक युवक को फर्जी तरीके से फंसा दिया गया इस केस में युवती की गवाही पर युवक को 4 साल की सजा सुनाई गई थी। मामला 2019 का बताया जा रहा है जब एक युवती ने युवक पर रेप और अपहरण का मामला दर्ज कराया था। जिसके बाद युवक को गिरफ्तार कर लिया गया कोर्ट में पेशी हुई जहां युवती के गवाही पर युवक को सजा सुनाई गई।