नई दिल्ली: पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाली सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर ज्योति मल्होत्रा का कनेक्शन दिल्ली स्थित पाक हाई कमीशन में तैनात रहे एक ISI एजेंट से सामने आया है। सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, वह ISI एजेंट एहसान उर रहमान उर्फ दानिश था, जो पाक खुफिया एजेंसी ISI के लिए काम कर रहा था।
इस्लामाबाद से जारी हुआ था पासपोर्ट
दानिश का पासपोर्ट इस्लामाबाद से जारी हुआ था, और भारत आने के लिए उसे 21 जनवरी 2022 को वीजा दिया गया था। लेकिन जब उसका नाम जासूसी कांड में सामने आया, तो उसे 13 मई 2023 को देश छोड़ने का आदेश दे दिया गया। सुरक्षा एजेंसियों की जांच में यह खुलासा हुआ कि दानिश कोई अकेला ISI एजेंट नहीं था, जो पाक हाई कमीशन में तैनात किया गया। इससे पहले भी ISI अपने एजेंटों को दिल्ली स्थित पाक हाई कमीशन में तैनात कर चुका है, जो जासूसी का काम करते थे।
दानिश का असली काम: जासूसी और घूसखोरी
हालांकि दानिश का आधिकारिक पद वीजा डेस्क पर था, लेकिन उसकी असल भूमिका जासूसी और घूसखोरी से जुड़ी थी। वह न सिर्फ भारत के लोगों को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के लिए ट्रैप करता था, बल्कि अपने पद का गलत इस्तेमाल करते हुए घूसखोरी भी करता था।
ज्योति मल्होत्रा को ISI एजेंट से मिलाया
दानिश ही वह व्यक्ति था जिसने ज्योति मल्होत्रा को ISI एजेंट अली अहसान से मिलवाया था। अली ने पाकिस्तान में ज्योति के ठहरने, खाने और घूमने का इंतजाम किया था। पाकिस्तान पहुंचने पर, अली ने उसे शकीर और राणा शाहबाज जैसे पाक खुफिया और सुरक्षा अधिकारियों से मिलवाया। यही वह कनेक्शन था, जिसकी वजह से ज्योति के लिए पाकिस्तान जाना और वहां से जुड़ी गतिविधियों में शामिल होना आसान हो गया।