नई दिल्ली । दिल्ली शराब घोटाला के तार जुड़ते जा रहे हैं और आरोपी भी जेल में जा रहे हैं। अब तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी और बीआरएस एमएलसी के. कविता को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने समन भेजा है. उन्हें कल, 9 मार्च को पूछताछ के लिए बुलाया गया है।
भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के नेता से इस मामले में 12 दिसंबर को हैदराबाद में सीबीआई ने सात घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी. वहीं इससे पहले दिल्ली शराब घोटाले के मामले में आरोपी कविता के चार्टर्ड अकाउंटेंट बुचीबाबू गोरांटला को सोमवार को कोर्ट से राहत मिली थी. राउज एवेन्यू कोर्ट से उन्हें जमानत मिल गई थी।
बता दें कि सीबीआई की टीम ने चार्टर्ड अकाउंटेंट बुचीबाबू को हैदराबाद से गिरफ्तार किया था। रिपोर्ट के अनुसार सीबीआई ने सीए बुचीबाबू गोरांटला को नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित भूमिका और हैदराबाद स्थित थोक-खुदरा लाइसेंसधारियों, उनके लाभार्थी मालिकों को गलत लाभ पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार किया था। कविता का समन दिल्ली की एक अदालत द्वारा हैदराबाद के व्यवसायी अरुण रामचंद्र पिल्लई को 13 मार्च तक ईडी की हिरासत में और शराब कारोबारी अमनदीप ढल को 21 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के एक दिन बाद आया है!
ED ने उन्हें इसलिए बुलाया गया है ताकि उनका सामना हैदराबाद के व्यवसायी अरुण रामचंद्र पिल्लई से कराया जा सके, जो ‘साउथ ग्रुप’ का कथित फ्रंटमैन है, जिसे ईडी ने सोमवार को गिरफ्तार किया था। केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के प्रतिनिधि उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा सीबीआई जांच के आदेश के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने पिछले साल इस नीति को वापस ले लिया था. ED के अनुसार ‘साउथ ग्रुप’ में शरद रेड्डी (अरबिंदो फार्मा के प्रमोटर), मगुनता श्रीनिवासुलु रेड्डी (ओंगोल लोकसभा सीट से वाईएसआर कांग्रेस सांसद), कविता और अन्य शामिल हैं।
कविता ने कहा था कि वह संसद के आगामी सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पेश करने की मांग को लेकर 10 मार्च को जंतर मंतर पर एक दिवसीय भूख हड़ताल करने के लिए दिल्ली में होंगी। इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) पहले भी बीआरएस नेता से पूछताछ कर चुकी है. यह आरोप लगाया गया है कि दिल्ली सरकार की 2021-22 के लिए शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने की आबकारी नीति ने कार्टेलाइजेशन की अनुमति दी और कुछ डीलरों का पक्ष लिया, जिन्होंने इसके लिए कथित तौर पर रिश्वत दी थी. इस आरोप पर सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (AAP) ने यहां जोरदार खंडन किया. नीति को बाद में रद्द कर दिया गया था और दिल्ली के उपराज्यपाल ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी, जिसके बाद ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था।