नई दिल्ली । शरीर के संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए नियमित रूप से योगासनों के अभ्यास की सलाह दी जाती है। इसमें भी प्राणायामका अभ्यास करना आपके लिए विशेष लाभदायक हो सकता है। अनुलोम-विलोम योग के अभ्यास को स्वास्थ्य विशेषज्ञ बहुत ही लाभदायक मानते हैं। मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के साथ शरीर में सकारात्मक ऊर्जा के संचार के साथ कई तरह की बीमारियों के जोखिम को कम करने में अनुलोम-विलोम का अभ्यास आपके लिए विशेष लाभदायक हो सकता है। श्वास के इस अभ्यास को सभी लोगों के लिए सुरक्षित माना जाता है, हालांकि कुछ स्थितियों में विशेषज्ञों की सलाह के आधार पर ही इसका अभ्यास करना उचित माना जाता है।
अनुलोम-विलोम योग एक विशिष्ट प्रकार का नियंत्रित श्वास अभ्यास (प्राणायाम) है। योग विशेषज्ञों के मुताबिक इसका दैनिक अभ्यास करने वाले लोगों में तनाव की समस्या कम होती है और यह बेहतर श्वास और रक्त परिसंचरण को बनाए रखने में भी सहायक है। आइए रोजाना इस योग के अभ्यास से सेहत को होने वाले फायदों के बारे में जानते हैं।
अनुलोम-विलोम योग का अभ्यास कैसे करें?
विशेषज्ञों के मुताबिक इस आसन को करने के लिए भी सबसे पहले शरीर को एकदम से सीधा रखते हुए ध्यानपूर्वक में बैठ जाएं। बाएं हाथ से ज्ञान मुद्रा बनाकर दाएं हाथ के अंगूठे से दाईं नासिका को बंद करें और बाईं नासिका से श्वास भरें। अब बाई नासिका बंद करें और दाईं नासिका से श्वास छोड़ें। इस क्रिया को अब दूसरी नाक से दोहराएं। किसी भी योग से अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए उसका सही ढंग से अभ्यास करना सबसे आवश्यक माना जाता है।
इन बातों का रखें ध्यान
अध्ययनों में अनुलोम विलोम को सुरक्षित बताया गया है, इसके कोई भी ज्ञात जोखिम या नकारात्मक प्रभाव का जिक्र नहीं मिलता हैं। कई अध्ययन में बताया गया है कि योग के सही तरीके को जानने के लिए प्रशिक्षित योग शिक्षक की सलाह जरूर ले लेनी चाहिए। यदि आप पहले से किसी गंभीर रोग के शिकार हैं तो इस योग के अभ्यास से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
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नोट: यह लेख योगगुरु के सुझावों के आधार पर तैयार किया गया है। आसन की सही स्थिति के बारे में जानने के लिए किसी विशेषज्ञ से संपर्क कर सकते हैं।