मुरैना। चंबल संभाग के कमिश्नर आशीष सक्सेना ने कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक सहित अन्य विभागों के अधिकारियों से कहा है कि आगामी मानसून को दृष्टिगत रखते हुये अतिवर्षा एवं बाढ़ नियंत्रण के लिये अभी से प्रभावी प्रयास करें। अनुविभाग स्तर पर इसकी बैठकें कर लें। बाढ़ वाले गांवों को चिन्हित करके वहां पूर्व से पुनर्वास केन्द्रों का चयन, खाद्यान्न सामग्री सहित अन्य व्यवस्थायें सुनिश्चित की जाये। तैराकों, नाव, वोट, रस्से, टाॅर्च, जैकेट सहित अन्य सामग्री जहां-जहां लगाना हो, उसकी सूची तैयार कर लें। जिला एवं तहसील स्तर पर कंट्राॅल रूम गठित करें। कंट्राॅल रूम के फोन नंबर और बनाये गये नोडल एवं अन्य अधिकारियों के मोबाइल नंबर का प्रचार-प्रसार किया जाये, ताकि कोई भी व्यक्ति अतिवर्षा अथवा बाढ़ से संबंधित जानकारी ले सकेें। सिंचाई अमला डेमो को भरने की अपडेट जानकारी देते रहे। रपटा पुल-पुलियों पर बाढ़ का पानी आने पर वहां की यातायात व्यवस्था को रोके। इसके लिये ऐसी पुल-पुलियों और रपटों पर बेरिकेटिंग पूर्व से लगाये जायें, लोंगो को सूचित करने के लिये साइन बोर्ड लगाये जायें।
    
कलेक्टर बी. कार्तिकेयन ने बताया कि जिला स्तरीय बाढ़ नियंत्रण संबंधी बैठक सोमवार को आयोजित की जा चुकी है। सभी अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये जा चुके है। जिला एवं तहसील स्तरों पर कंट्रोल रूम गठित किये गये है। उन्होंने बताया कि कोटा-बैराज से अधिक मात्रा में लगातार पानी छोड़ने से चंबल में बाढ़ की स्थिति बनती है, इसके किनारे बसे गांवों को खाली कराके पुनर्वास केन्द्रों पर भेजा जाता है। कलेक्टर ने कहा कि मुरैना तहसील के 8 गांव ऐसे है, जहंा भीषड़ बाढ़ की संभावना रहती है। 14 गांव सामान्य प्रभावित होते है। पोरसा तहसील में 8, अम्बाह में 13, जौरा में 23, कैलारस में 7 और सबलगढ़ तहसील में 15 गांव बाढ़ प्रभावित चिन्हित किये गये है। 

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