जबलपुर। बिजली के दाम बढ़ाने के बाद अब बिजली कंपनियां सुविधा शुल्क में इजाफा करना चाहती है। कंपनी विभिन्न सुविधाओं में 50 से 70 फीसद तक दाम बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है हालांकि इस मामले पर विगत 20 जुलाई 2021 को पहले ही जनसुनवाई हो चुकी है लेकिन मप्र विद्युत नियामक आयोग ने एक बार फिर से इस मसले पर जन सुनवाई 5 अक्टूबर 2021 को बुलाई है। उस वक्त मप्र विद्युत नियामक आयोग ने स्वत: इस प्रस्ताव को लेकर सुनवाई आमंत्रित की थी। जिस पर बिजली मामलों के जानकारों ने आपत्ति ली थी। जिसके बाद मप्र पावर मैनेजमेंट कंपनी की तरफ से दोबारा सुविधाओं के शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव आयोग के समक्ष भेजा है। इसी के आधार पर नई तारीख पर सुनवाई तय हुई है।

बिजली मामलों के जानकार और सेवानिवृत्त अतिरिक्त मुख्य अभियंता राजेंद्र अग्रवाल ने बताया कि मप्र विद्युत नियामक आयोग पूर्व में खुद पार्टी बनकर याचिका पर सुनवाई आमंत्रित की थी। जो नियम के विपरीत था। अब पावर मैनेजमेंट कंपनी ने याचिका लगाई है। जिसमें बिजली उपभोक्ताओं को सुविधा के लिए 50 से 70 फीसद ज्यादा शुल्क देना पड़ सकता है।

राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि बिजली कंपनी ने थोक मूल्य सूचकांक और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के बढ़ने का हवाला देकर बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है। जो पूरी तरह से गलत है। उनके अनुसार एक मामले में जब विगत 20 जुलाई को जनसुनवाई कर चुका है। जिसमें 20 विभिन्न संगठनों की अपत्ति भी दर्ज हुई है ऐसे में दोबारा उसी मामले को लेकर जनसुनवाई असंवैधानिक है। इधर मैनेजमेंट कंपनी की याचिका बनाने वाले एक अधिकारी ने नाम नहीं उजागर करने की शर्त पर कहा कि विद्युत प्रदाय के प्रायोजन से विद्युत लाइन प्रदाय करने अथवा उपयोग किए गए संयंत्र हेतु व्ययों तथा अन्य प्रभारों की वसूली विनिमय 2009 का प्रस्ताव पुराना है। जिसे अमल में लाने का प्रयास अब किया जा रहा है। इस दौरान काफी दाम बढ़ चुके हैं जिसके लिहाज से शुल्क वृद्वि का प्रस्ताव दिया गया है।

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