मध्य प्रदेश के भोपाल में एक महिला ने पिता से बदला लेने के लिए उसके चार साल के मासूम बेटे की बेरहमी से हत्या कर दी. उसने पहले बच्चे को चींटी मारने का पाउडर मिलाकर खाना खिला दिया. इसके बाद उसने बच्चे को एक कंटेनर में बंद कर दिया. फिर जब बच्चे की तलाश शुरू हुई और उसे लगा कि उसके घर की तलाशी ली जा सकती है तो उसने बच्चे के शव को पहले बाहर फेंका और फिर आग लगा दी.
ये मामला साल 2023 का है, जब बदले की आग में जलते हुए एक महिला ने अपने बेटे के साथ मिलकर 4 साल के बच्चे की हत्या कर दी. भोपाल के बैरागढ़ चीचली में एक बच्चा अपने घर से खेलते-खेलते पड़ोस के घर में चला गया और रोने लगा. उसे भूख लगी थी. मासूम ने पड़ोस वाली आंटी सुनीता सोलंकी से खाना मांग लिया. सुनीता बच्चे के पिता से बदला लेना चाहती थी. ऐसे में उसने मौके का फायदा उठाया और अपना बदला लेने की कोशिश की.
सुनीता ने बच्चे को खाने में चींटी मारने की दवा खिला दी. इसके बाद बच्चे की तबीयत बिगड़ने लगी, लेकिन बेरहम सुनीता ने बच्चे को उसी बिगड़ी हुई हालत में ही एक कंटेनर में बंद कर दिया और अपने घर में बेड के नीचे रख दिया. जब बच्चे वरुण को बहुत देर हो गई और वह घर नहीं लौटा तो उसके घर वालों ने उसकी तलाश शुरू की. इसके बाद चालाकी से सुनीता वरुण को ढूंढ़ने में उसके घर वालों की मदद करने लगी.
इसके बाद मामला पुलिस के पास तक पहुंच गया. पुलिस ने भी वरुण को खोजना शुरू किया. लेकिन वरुण नहीं मिला. दो दिन बीत जाने के बाद जब सुनीता को लगा कि उसके घर की भी तलाशी ली जा सकती है तो उसने पहले बच्चे के शव को घर से बाहर फेंक दिया. फिर कुछ देर बाद एक सुनसान मकान में ले जाकर जला दिया. इसके बाद जब पुलिस को वरुण की लाश मिली तो पुलिस आरोपियों का पता लगाने की कोशिश में जुट गई. पुलिस ने जांच शुरू की तो घटनास्थल से लेकर सुनीता के घर तक गेहूं पड़े दिखाई दिए. इसके बाद परत दर परत खुलती गई और मामले का खुलासा हो गया.
सुनीता से सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया. उसने बताया कि घटना से एक महीने पहले उसके घर पर चोरी हुई थी. इस चोरी का शक वरुण के पिता पर गया था. सुनीता ने बताया कि इसी का बदला लेने के लिए उसने बेटे की हत्या कर दी. सुनीता को उसके इस गुनाह की उम्रकैद की सजा मिली. कोर्ट ने उसे आजीवन कारावास की सजा और एक हजार रुपये जुर्माना लगाया था. इसके अलावा उसके बेटे के खिलाफ भी बाल कोर्ट में चालान पेश किया गया. महिला और उसके बेटे को साल 2023 में ही सजा सुना दी गई थी.