भोपाल । मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है। यहां एक दंपति अपनी पोती की जान बचाने के लिए आदमखोर तेंदुए से भिड़ गए। उन्होंने निडर होकर मासूम को जंगली जानवर के जबड़े से निकाल लिया। इलाके में जिसने भी इस घटना के बारे में सुना, अपने दांतों तले अंगुलियां दबा लीं। हर कोई बुजुर्ग दंपती की चर्चा कर रहा है।  19 अगस्त की रात कूनो नेशनल पार्क के पास एक गांव में ये वाक्या हुआ। यहां एक घर के आंगन में बुजुर्ग दंपती अपनी पोती के साथ सो रहे थे। तभी अचानक तेंदुआ घर में घुस आया और उनकी दो साल की पोती को उठा लिया। बच्ची ने रोना शुरू किया तो 50 वर्षीय दादी बसंती बाई गुर्जर की नींद खुल गई। तेंदुए के जबड़े में अपनी बच्ची को देखकर उनकी सांसें अटक गईं और मुंह से चीख निकल गई। 

बसंती ने शोर मचाते हुए तेंदुए को जोरदार लात जमा दी। इतने में बच्ची के दादा 55 वर्षीय जय सिंह गुर्जर भी जाग गए। उन्होंने भी पूरी ताकत से तेंदुए पर हमला कर दिया। दादा-दादी ने बच्ची को कस कर पकड़ लिया और उसे तेंदुए के जबड़े से छीनने की कोशिश करने लगे। इसके बाद वे तेंदुए की नाक और मुंह पर लगातार हमला करते रहे। इससे बौखलाकर तेंदुए ने बच्ची को तो छोड़ दिया, लेकिन बसंती और जय सिंह पर हमला कर दिया। इससे दोनों बुजुर्ग बुरी तरह घायल हो गए। चीख-पुकार सुनकर पड़ोसी भी जाग गए और लाठी-डंडे लेकर घटनास्थल पर पहुंचे तो तेंदुआ जंगल की ओर भाग गया।

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