बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता सुशील मोदी का सोमवार को दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया. विशेष विमान द्वारा पार्थिव शरीर आज सुबह पटना के राजेन्द्र नगर स्थित आवास पर आएगा. पिछले महीने ही उन्होंने राजनीति से संन्यास की घोषणा कर दी थी
सुशील मोदी के निधन पर पीएम मोदी ने शोक जताते हुए लिखा कि दशकों से मेरे मित्र और पार्टी में मूल्यवान सहयोगी रहे सुशील मोदी जी के असामयिक निधन से अत्यंत दुख हुआ. बिहार में भाजपा के उत्थान और उसकी सफलताओं के पीछे उनका अमूल्य योगदान रहा. आपातकाल का विरोध करते हुए उन्होंने छात्र राजनीति से अपनी पहचान बनाई और वे मिलनसार, मेहनती विधायक के रूप में पहचाने जाते रहे. शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और समर्थकों के साथ हैं. ओम शांति.
1990 में सक्रिय राजनीति में रखा कदम
सुशील कुमार मोदी ने 1990 के आसपास सक्रिय राजनीति में कदम रखा. पटना सेंट्रल विधानसभा जो अब कुम्हार है, चुनाव लड़े और पहली बार विधायक बने. इसके बाद 1995 और 2000 में भी वो चुनाव लड़े और विधानसभा पहुंचे. सन 1996 से 2004 तक वह राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता की भूमिका में रहे.
2005 में बनाया गया था बिहार का डिप्टी सीएम
2005 के बिहार चुनाव में जब एनडीए सत्ता में आई तो सुशील कुमार मोदी को बिहार बीजेपी विधायक दल का नेता चुना गया. तब उन्होंने लोकसभा से इस्तीफा दे दिया और बिहार के उपमुख्यमंत्री का पद संभाला जबकि नीतीश कुमार मुख्यमंत्री थे. 2010 में बिहार चुनाव में एनडीए की जीत के बाद सुशील मोदी डिप्टी सीएम पद पर बने रहे. 2017 में बिहार में जेडीयू-आरजेडी ग्रैंड अलायंस की सरकार के गिरने के पीछे भी सुशील कुमार मोदी की भूमिका मानी जाती है.