नई दिल्ली, कुश्ती संघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरना दे रहे पहलवान बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट रेलवे में अपनी नौकरी पर वापस लौट आए. उधर, भारतीय किसान यूनियन और खाप नेताओं ने पहलवानों के समर्थन में 9 जून को जंतर मंतर पर बुलाए गए विरोध-प्रदर्शन को रद्द कर दिया है. ऐसे में सबके मन में यही सवाल है कि बृजभूषण सिंह के खिलाफ पहलवानों का आदोलन जारी रहेगा या ठंडे वस्ते में पड़ जाएगा. आइए जानते हैं इस पर पहलवानों और किसान नेताओं का क्या कहना है?

दरअसल, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया के नेतृत्व में तमाम पहलवानों ने कुश्ती संघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. पहलवानों ने बृजभूषण शरण पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं. पहलवानों की मांग है कि बृजभूषण को गिरफ्तार किया जाए.

पहलवानों के आंदोलन में अब आगे क्या?
भले ही बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट अपनी नौकरी पर वापस लौट आए हों. लेकिन पहलवानों ने साफ कर दिया कि जब तक पीड़िताओं को न्याय नहीं मिलता उनका आंदोलन खत्म नहीं होगा. इतना ही नहीं पहलवानों ने दावा किया है कि अगर नौकरी इंसाफ के रास्ते में बाधा बनती दिखी तो उसको त्यागने में वे दस सेकेंड का वक्त भी नहीं लगाएंगे. हालांकि, पहलवानों ने अभी आगे की रणनीति का ऐलान नहीं किया. न ही यह साफ किया कि वे कहीं और धरने पर बैठेंगे या अलग अलग हिस्सों में जाकर महापंचायत कर समर्थन जुटाएंगे. न ही पहलवानों ने अभी किसी तरह की किसी तारीख का कोई ऐलान किया है.

टिकैत बोले- पहलवानों की कार्रवाई के आधार पर फैसला लेंगे
उधर, भारतीय किसान यूनियन और खाप नेताओं ने पहलवानों के समर्थन में 9 जून को जंतर मंतर पर बुलाए गए विरोध-प्रदर्शन को रद्द कर दिया है. किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बताया कि सरकार ने प्रदर्शन कर रहे पहलवानों से बातचीत शुरू कर दी है, ऐसे में हमने विरोध प्रदर्शन को रद्द कर दिया गया है.

राकेश टिकैत ने कहा कि पहलवानों और सरकार के बीच बातचीत के नतीजे के आधार पर आगे की रणनीति तय होगी और विरोध किया जाएगा. राकेश टिकैत ने कहा कि यह विरोध प्रदर्शन पहलवानों का समर्थन करने के लिए है. इसलिए पहलवानों द्वारा की जाने वाली कार्रवाई के आधार पर विरोध प्रदर्शन की अगली तारीख का ऐलान किया जाएगा.

पहलवानों ने अमित शाह से की थी मुलाकात
दरअसल, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार रात को ही पहलवानों ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी. रेसलर साक्षी मलिक के पति सत्यव्रत कादियान ने आजतक से बातचीत में बैठक की पुष्टि की थी. वे भी इस बैठक में मौजूद थे. हालांकि, उन्होंने कहा था कि बैठक में पहलवानों ने बृजभूषण को गिरफ्तार करने की मांग उठाई थी. लेकिन ये बैठक बेनतीजा रही. उन्होंने बताया कि हमें गृह मंत्री से जो प्रतिक्रिया चाहिए थी वह नहीं मिली, इसलिए हम बैठक से बाहर आ गए. सत्यव्रत ने कहा कि हम विरोध के लिए आगे की रणनीति बना रहे हैं. हम पीछे नहीं हटेंगे हम आगे की कार्रवाई की योजना बना रहे हैं.

नौकरी पर वापस लौटे पहलवानों ने क्या कहा?
सत्यव्रत भले ही अमित शाह के साथ पहलवानों की बैठक के बेनतीजा रहने का दावा कर रहे हों, लेकिन सोमवार को बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट रेलवे में अपनी अपनी नौकरी पर वापस लौट आए. हालांकि, पहलवानों ने साफ कर दिया कि उनका आंदोलन जारी रहेगा.

वहीं, साक्षी मलिक ने ट्वीट कर कहा था कि आंदोलन से पीछे हटने की खबर बिलकुल गलत है. इंसाफ की लड़ाई में ना हम में से कोई पीछे हटा है, ना हटेगा. सत्याग्रह के साथ साथ रेलवे में अपनी जिम्मेदारी को साथ निभा रही हूं. इंसाफ मिलने तक हमारी लड़ाई जारी है. कृपया कोई गलत खबर ना चलाई जाए.

बजरंग पूनिया ने सोमवार को ट्वीट कर कहा था कि आंदोलन वापस लेने की खबरें कोरी अफवाह हैं. ये खबरें हमें नुकसान पहुंचाने के लिए फैलाई जा रही हैं. हम न पीछे हटे हैं और न ही हमने आंदोलन वापस लिया है. महिला पहलवानों की एफआईआर उठाने की खबर भी झूठी है. इंसाफ मिलने तक लड़ाई जारी रहेगी.

लड़ाई जारी रहेगी- पूनिया
इसके बाद पूनिया ने एक वीडियो भी शेयर किया. इसमें उन्होंने कहा, पहलवानों के बारे में अफवाह फैलाई जा रही है, मैं उसका खंडन करता हूं. ना खिलाड़ियों के बीच कोई दरार आई है और ना ही किसी खिलाड़ी ने कोई केस वापस लिया है. हम लोग एकजुट हैं और एक साथ हैं, लेकिन हमारे बारे में झूठ फैलाया जा रहा है ताकि हम से जुड़े हुए लोग अलग हो जाएं.

दिल्ली पुलिस और एक न्यूज एजेंसी ने झूठ फैलाया था और बाद में ट्वीट डिलीट कर दिया. हमारे आंदोलन के बीच अगर कुछ भी बाधा डालेगा तो हम नौकरी छोड़ने के लिए भी तैयार हैं. हम अपना सब कुछ दांव पर लगाकर लड़ रहे हैं, क्योंकि यह लड़ाई बहन बेटियों की इज्जत के लिए है. देश की बेटियों को जब तक न्याय नहीं मिल जाता हम तब तक यह लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं.

23 अप्रैल से पहलवानों ने खोल रखा है मोर्चा
विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया के नेतृत्व में तमाम पहलवानों ने कुश्ती संघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. पहलवानों ने बृजभूषण शरण पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं. ये पहलवान 23 अप्रैल से 28 मई तक जंतर मंतर पर धरना दिया था. पहलवानों ने 28 मई को जंतर मंतर से नई संसद तक मार्च निकाला था. इसी दिन पीएम मोदी नई संसद का उद्घाटन कर रहे थे. ऐसे में पुलिस ने मार्च की अनुमति नहीं थी. इसके बावजूद जब पहलवानों ने मार्च निकालने की कोशिश की थी, तो पुलिस के साथ हाथापाई और धक्का मुक्की हुई थी. इसके बाद पुलिस ने 28 मई को पुलिस ने पहलवानों को धरना स्थल से हटा दिया था.

इसके विरोध में पहलवानों ने हरिद्वार में गंगा में अपने जीते हुए मेडल बहाने का ऐलान किया था. पहलवान हरिद्वार मेडल बहाने भी पहुंचे थे. लेकिन तब किसान नेता नरेश टिकैत ने पहलवानों को मेडल बहाने से रोक दिया था. इसके साथ ही किसान यूनियन ने सरकार को 5 दिन का अल्टीमेटम दिया था. यह सोमवार को खत्म हो गया. अब राकेश टिकैत ने कहा है कि पहलवानों द्वारा की जाने वाली कार्रवाई के आधार पर हम आगे कदम उठाएंगे.

एक्शन में आई दिल्ली पुलिस
दिल्ली पुलिस सोमवार की रात बृजभूषण सिंह के गोंडा और लखनऊ स्थित आवास पर पहुंची. इस दौरान पुलिस ने यहां मौजूद 12 लोगों के बयान दर्ज किए हैं. दरअसल, बृजभूषण के खिलाफ 7 महिला पहलवानों ने 21 अप्रैल को कनॉट प्लेस थाने में बृजभूषण के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. इन शिकायतों के आधार पर 28 अप्रैल को दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न के दो मामले दर्ज किए हैं. पहली प्राथमिकी नाबालिग द्वारा लगाए गए आरोपों के आधार पर है. इसमें पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है. वहीं, दूसरी FIR अन्य पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों से संबंधित है. इन मामलों में पुलिस की जांच जारी है. पुलिस ने अब तक 137 लोगों के बयान दर्ज किए हैं.