भोपाल । प्रदेश में बलात्कार की बढ़ी घटनाओं पर रोक लगाने और यौन उत्पीड़न के मामलों पर लगाम लगाने अब स्कूल शिक्षा विभाग स्कूली छात्र छात्राओं को जागरुक करने जा रहा है। प्रदेश के सभी स्कूल और छात्रावासों में अब बॉक्स लगाए जाएंगे जिनमें छात्र-छात्राएं अपनी पहचान प्रदर्शित किए बिना अपनी शरीरिक, मानसिक और भावनात्मक सुरक्षा को लेकर आने वाली कठिनाईयों की शिकायत, समस्या लिख कर उसमें डाल सकेंगे।
स्कूल शिक्षा विभाग ने सभी संयुक्त संचालकों को पत्र लिखकर बलात्कार की घटनाओं के बारे में लक्ष्मण विनायक और अन्य की याचिकाओं तथा भारत की विशेष न्यायालयों की स्थापना के बारे में प्रेसिडेंट बार एसोसिएशन सूरतगढ़ राजस्थान के प्रतिवेदन पर मध्यप्रदेश में कार्यवाही करने को कहा है। विद्यालयों, छात्रावासों में बॉक्स लगाए जाएंगे जिनमें छात्र-छात्राएं शिकायत, समस्या लिखकर डाल सकेंगे। इन बॉक्सों की नियमित अंतराल पर अनिवार्यत: मानीटरिंग की जाएगी।
छात्र छात्राओं को उनकी स्वयं की सुरक्षा जागरुकता हेतु स्कूल में चर्चा, परिचर्चा,भाषण नाटक प्रतियोगिताएं आयोजित की जाए। मार्शल आर्ट, जूडो कराटे, ताइक्वांडो, खेलों का प्रशिक्षण दिया जाए और विपरीत परिस्थिति में सुरक्षित बच निकलने की युक्तियों की समझाइश दी जाए। स्कूल, हास्टल और बसों में सीसीटीवी कैमरों की अनिवार्यता सुनिश्चित की जाए। विद्यालय में एक महिला एवं एक पुरुष परामर्शदाता की व्यवस्था हो। संस्थानों की बसों में महिला सहायकों की अनिवार्यता सुनिश्चित की जाए। छात्र छात्राओं की वर्ष में एक बार शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य परीक्षण की व्यवस्था की जाना चाहिए।
पीटीएम में अभिभावकों को इस संबंध में जागरुक किए जाने चर्चा की जाएगी। विद्यालय की पत्रिका में भी इस तरह की जानकारियां प्रदर्शित की जाएंगी। विद्यालयों और छात्रावासों में डार्क स्पाट पर पर्याप्त लाईट का प्रबंध किया जाए। इमरजेंसी सेवाओं हेतु फोन नंबर 112 एवं अन्य की समस्त शैक्षणिक संस्थाओं में जानकारी हो और इसका प्रचार किया जाए।