भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार परिवहन विभाग के चेक पोस्ट को गुजरात मॉडल की तरह ऑनलाइन करने जा रही है. इससे होने वाले फायदे से वाहन मालिक ही नहीं बल्कि वाहन चालक भी काफी खुश है. चेक पोस्ट ऑनलाइन हो जाने से भ्रष्टाचार भी थमेगा. इसके अलावा यातायात भी सुलभ और सरल हो जाएगा. मध्य प्रदेश के परिवहन मंत्री राव उदय प्रताप सिंह घोषणा की है कि मध्य प्रदेश की परिवहन विभाग की चेक पोस्ट को गुजरात मॉडल की तरह ऑनलाइन किया जाएगा.

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने भी इसी प्रकार की मंशा जताते हुए नए कदम उठाने के संकेत दिए हैं. सरकार का उद्देश्य है कि चेक पोस्ट पर घंटों तक लगने वाले जाम को भी खत्म किया जाए. इसके अलावा डिजिटल इंडिया जैसे महत्वपूर्ण अभियान से वाहन मालिक और परिवहन विभाग चेक पोस्ट पर भी सीधे रूप से जुड़ जाए. वर्तमान समय में वाहन के रजिस्ट्रेशन, लाइसेंस से लेकर संपूर्ण प्रक्रिया ऑनलाइन है. वर्तमान में मध्य प्रदेश में 47 चेक पोस्ट हैं जोकि राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़ की सीमाओं से लगे हुए हैं.

कैसा है गुजरात का ऑनलाइन चेक पोस्ट मॉडल
गुजरात देश का पहला ऐसा राज्य है जहां पर परिवहन विभाग की 16 चेक पोस्ट को ऑनलाइन कर दिया गया है. इसके अलावा चेक पोस्ट को पेपर लेस भी कर दिया गया है. यदि वन मलिक ऑफलाइन भुगतान करना चाहे तो उन्हें ऑफलाइन भुगतान की भी सुविधा है. हालांकि ऑनलाइन चेक पोस्ट हो जाने से यातायात भी सुलभ हो गया है चेक पोस्ट पर जो घंटे तक जाम लगता था, उससे भी निजात मिल गई. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने भी गुजरात मॉडल की तरह मध्य प्रदेश के चेक पोस्ट को ऑनलाइन करने का फैसला लिया है.

कांग्रेस ने लगाए थे भ्रष्टाचार के आरोप
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कुछ ही दिनों पहले ट्रांसपोर्ट विभाग के भ्रष्टाचार को लेकर चेक पोस्ट पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि मध्य प्रदेश में प्रतिदिन चेक पोस्ट पर भारी भ्रष्टाचार के जरिए मोटी रकम वसूली जा रही है. कांग्रेस ने अभी आरोप लगाया था कि परिवहन विभाग की चेक पोस्ट को निजी हाथों में ठेके पर दे रखा है. इन आरोपों के जवाब में सरकार ने परिवहन चेक पोस्ट पर गुजरात मॉडल लागू करने का बयान दे दिया है. सरकार की ओर से कहा गया है कि परिवहन विभाग के चेक पोस्ट पूरी पारदर्शिता के साथ चलेंगे.