उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले में एक ऐसी सनसनीखेज वारदात ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया, जिसने मानवता को शर्मसार कर दिया। एक सूदखोर की हैवानियत और उसकी घिनौनी मांग ने न केवल एक परिवार की जिंदगी तबाह की, बल्कि एक हत्या की दर्दनाक कहानी को जन्म दे दिया। हसनपुर थाना क्षेत्र में 70 वर्षीय सूदखोर हनीफ उर्फ इलायची की गला दबाकर हत्या के मामले में पुलिस ने आरोपी दंपति शमशेर खान और शाजमा को गिरफ्तार कर सनसनीखेज खुलासा किया है।

पुलिस जांच के मुताबिक, शमशेर ने चार महीने पहले हनीफ से अपनी मोटरसाइकिल और बैटरी गिरवी रखकर 25,000 रुपये भारी ब्याज पर उधार लिए थे। आर्थिक तंगी के चलते वह न तो मूल रकम चुका पाया और न ही ब्याज। हनीफ का दबाव दिन-ब-दिन बढ़ता गया। 2 मई 2025 को शमशेर और उनकी पत्नी शाजमा हनीफ के घर बातचीत करने पहुंचे। शमशेर ने ब्याज माफ करने और गिरवी सामान लौटाने की गुहार लगाई, लेकिन हनीफ ने सारी हदें पार कर दीं। उसने शमशेर से कहा, “अपनी बीवी को मेरे पास एक महीने के लिए छोड़ दे, मैं सारा कर्ज माफ कर दूंगा और मोटरसाइकिल-बैटरी भी लौटा दूंगा।”

यह शर्मनाक और अमानवीय मांग शमशेर के लिए बर्दाश्त से बाहर थी। गुस्से में आगबबूला हुए शमशेर ने उसी वक्त कपड़े से हनीफ का गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। हत्या के बाद दंपति ने शव को हनीफ के बेड में छिपाया और गिरवी रखी मोटरसाइकिल व बैटरी लेकर फरार हो गए। दो दिन बाद, 4 मई 2025 को पड़ोसियों को घर से दुर्गंध आने पर शक हुआ। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव बरामद किया और जांच शुरू की।

36 घंटे में पुलिस ने खोला राज

हसनपुर कोतवाली पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज, तकनीकी साक्ष्यों और गहन पूछताछ के आधार पर मात्र 36 घंटे में मामले का पर्दाफाश कर दिया। शमशेर ने पूछताछ में हत्या की बात कबूल की और बताया कि हनीफ की घिनौनी मांग ने उसे यह कदम उठाने के लिए मजबूर किया। पुलिस ने शमशेर और शाजमा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

सूदखोरी का काला चेहरा बेनकाब
स्थानीय लोगों के अनुसार, हनीफ लंबे समय से इलाके में सूदखोरी का गोरखधंधा चला रहा था। वह गरीब और मजबूर लोगों को भारी ब्याज पर कर्ज देकर उनकी जिंदगी नरक बना देता था। इस घटना ने सूदखोरी के उस काले चेहरे को उजागर किया, जो कई परिवारों को बर्बाद कर रहा है। सोशल मीडिया पर यह मामला वायरल हो चुका है, जहां लोग हनीफ की क्रूरता की निंदा कर रहे हैं, वहीं शमशेर के हिंसक कदम पर भी बहस छिड़ी है।

सवालों के घेरे में कानून और समाज
यह वारदात न केवल कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि समाज में कर्ज और सूदखोरी की गहरी जड़ों को भी उजागर करती है। पुलिस ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी है और हनीफ के अन्य पीड़ितों से भी पूछताछ की जा रही है। यह घटना एक चेतावनी है कि सूदखोरी जैसी सामाजिक बुराइयों को जड़ से खत्म करने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है।

एक सबक, एक चेतावनी


अमरोहा की यह घटना एक त्रासदी है, जो हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि कर्ज और लालच की भेंट कितने परिवार चढ़ रहे हैं। शमशेर का गुस्सा और उसका अपराध भले ही गलत हो, लेकिन हनीफ की हैवानियत ने इस आग में घी डालने का काम किया। यह कहानी समाज के लिए एक सबक है कि सूदखोरी और ऐसी अमानवीय मांगों का अंत सिर्फ तबाही लाता है।