ग्वालियर । मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच में सुनवाइयां अक्सर रोचक होती हैं। मुकदमों की सुनवाई के दौरान सरकारी अफसरों को अक्सर जज का कोपभाजन बनना पड़ता है। ऐसा ही एक नया मामला सोमवार को सामने आया जब दो जजों की पीठ ने खनिज विभाग के रीजनल डायरेक्टर और खनिज अधिकारी को जमकर लताड़ लगाई। जस्टिस रोहित आर्या और सतेंद्र सिंह ने दोनों अधिकारियों से कहा कि तुम लोग जेल की रोटियां तोड़ोगे, तब तुम्हारी अक्ल ठिकाने आएगी। 19 अप्रैल को इसी मामले की सुनवाई को दौरान जज ने डिप्टी डायरेक्टर से कहा था कि तुम चपरासी बनने लायक नहीं हो, तुम्हें अफसर किसने बना दिया।

सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान जजों ने दोनों अफसरों से पूछा कि कोर्ट के आदेश का पालन क्यों नहीं हुआ। वे इसका संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। उनका जवाब सुनकर जज का पारा चढ़ गया। उन्होंने दोनों को सीधे जेल भेजने की चेतावनी दे डाली। जज ने कहा कि तुम लोग ऐसे नहीं मानोगे। जब तीन दिन तक जेल की रोटी तोड़ोगे, तब तुम्हें बात समझ में आएगी। मामले की अगली सुनवाई एक मई को होगी। कोर्ट ने इस दिन खनिज विभाग के डायरेक्टर को पेश होने का नोटिस भेजा है।

नौ साल पुराना मामला
रेत के भंडारण से संबंधित यह मामला नौ साल पुराना है। साल 2014 में भिंड जिला प्रशासन ने रवि मोहन त्रिवेदी नाम के व्यक्ति के पास से एक लाख 94 हजार 516 क्यूबिक मीटर रेत जब्त की थी। त्रिवेदी को रेत के भंडारण की अनुमति मिली हुई थी। इसके बावजूद उनका रेत जब्त कर लिया गया। उन्होंने इसके खिलाफ कोर्ट में मामला दायर किया। कोर्ट ने रेत को रिलीज करने का आदेश दिया। दिसंबर, 2022 में कलेक्टर ने भी यही आदेश दिया। इसके बावजूद खनिज विभाग ने रेत के परिवहन के लिए परमिट उन्हें नहीं दिया। उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर की जहां इसकी सुनवाई चल रही है।

भ्रष्टाचार को लेकर पहले लगा चुके फटकार
19 अप्रैल को सुनवाई के दौरान जज रोहित आर्य ने डिप्टी डायरेक्टर को भ्रष्टाचार को लेकर हड़काया था। उन्होंने पूछा था कि कोर्ट का आदेश होने के बाद भी आप परमिट नहीं जारी कर रहे क्योंकि आपका सेवा-पानी नहीं हो रहा। आप ये समझ लीजिए कि इस मामले में कोई आपकी मुट्ठी गर्म नहीं करेगा।