इंदौर: इंदौर की रंगोली आर्टिस्ट वर्षा सिरसिया ने अपने हुनर के बल पर एक विशालकाय रंगोली बनाई है और उसे इंदौर में होने वाले प्रवासी भारतीय सम्मेलन को समर्पित किया गया है. इंदौर की रहने वाली रंगोली आर्टिस्ट वर्षा सिरसिया ने एक नायाब नवाचार का समावेश करते हुए अपनी रंगोली को साकार रूप दिया है. वर्षा ने इस बार लीक से हटकर लोक कलाओं को अपनी रांगोली का माध्यम बनाया है. करीब 6 हजार 75 स्क्वेयर फीट की विशालकाय रंगोली में उन्होंने मधुबनी, गौंड, वरली और राजस्थानी लोक कलाओं को प्रदर्शित किया है. इसके साथ संस्कार भारती को समर्पित एक हिस्सा भी है.

भव्यता लिए हुए ये रंगोली देखने में अदभुत और अलौकिक नजर आती है. रांगोली आर्टिस्ट वर्षा सिरसिया ने बताया की एक से अधिक लोक कलाओं पर आधारित इतनी विशाल रंगोली इसके पहले किसी ने नहीं बनाई है. इस थीम पर रंगोली बनाने का विचार उनके मन में लंबे समय से था अब जाकर वो इसे आकार दे पाई हैं. ये रांगोली उन्होंने चार दिन और तीन रात की अथक मेहनत से बनाई है. 616 किलो रंग से इस छह हजार 75 स्क्वेयर फीट की विशालकाय रांगोली को उन्होंने अकेले ही आकार दिया है. इस रांगोली को इंदौर के गांधी हॉल परिसर स्थित अधूरे मल्टीलेवल पार्किंग की छत पर बनाया गया है.

इस रांगोली को लेकर उनका समर्पण कुछ ऐसा था कि खाना, पीना, सोना सब कुछ भूलकर वो इसे बनाने में जुटी रहीं, जब तक की रंगोली पूरी तरह मुकम्मल नहीं हो गई. वहीं इस लोक कलाओं पर आधारित विशाल रांगोली को संस्था वर्ल्ड रिकॉर्ड कम्युनिटी द्वारा विश्व रिकॉर्ड के बतौर मान्यता दी गई है. इसका सर्टिफिकेट वर्षा को प्रदान किया है. वहीं उनका सपना है कि उनकी यह विशाल रंगोली गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में अपना नाम दर्ज करा सके.

बता दें वर्षा सिरसिया यूं तो कई बार बड़ी और खूबसूरत रंगोलियां बना चुकी हैं. बीते सालों में क्रिश्चियन कॉलेज और गांधी हॉल में भी उन्होंने कारगिल के शहीदों को समर्पित रांगोली बनाई थी. वहीं वर्षा ने इस छह हजार स्क्वेयर फीट से अधिक की इस रांगोली को आगामी जनवरी महीनें में होने वाले प्रवासी भारतीय सम्मेलन को समर्पित किया है.