ऑपरेशन सिंदूर पर बॉलीवुड सितारों की चुप्पी को लेकर आपत्तिजनक वीडियो पोस्ट करने के बाद इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनोली न केवल चर्चा में आ गईं, बल्कि उन्हें सोशल मीडिया पर भारी ट्रोलिंग और जान से मारने की धमकियों का भी सामना करना पड़ा। वीडियो वायरल होते ही उनका नाम कई यूजर्स के निशाने पर आ गया, और उन्हें भड़काऊ, असंवेदनशील और अपमानजनक कहकर आलोचना का सामना करना पड़ा। वहीं अब कोलकाता पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। जिसके बाद शर्मिष्ठा को कोर्ट में पेश किया गया, जहां उनके वकील मोहम्मद समीमुद्दीन ने जमानत याचिका दाखिल की।
वहीं इस मामले पर वकील ने अदालत को बताया कि पुलिस जिन इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं (जैसे मोबाइल फोन और लैपटॉप) के आधार पर जांच कर रही है, उन्हें पहले ही जब्त कर चुकी है। लिहाजा अब पुलिस हिरासत की जरूरत नहीं है। अदालत ने अभियोजन पक्ष की ओर से की गई पुलिस हिरासत की मांग को खारिज कर दिया। कोर्ट ने माना कि आगे की जांच के लिए आरोपी को हिरासत में रखना जरूरी नहीं है। इसके बाद अदालत ने शर्मिष्ठा पनोली को 13 जून 2025 तक न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया।
शर्मिष्ठा पनोली का यह मामला सोशल मीडिया पर बड़ा मुद्दा बन गया है। कुछ लोग उनकी गिरफ्तारी को अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हमला मान रहे हैं, जबकि कई लोगों का कहना है कि सार्वजनिक मंच पर जिम्मेदार भाषा का इस्तेमाल होना चाहिए, खासकर जब देश और सेना जैसे संवेदनशील विषयों की बात हो। शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी और न्यायिक हिरासत के आदेश ने एक बार फिर सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति की आज़ादी बनाम संवेदनशीलता की बहस को हवा दी है। आने वाले दिनों में इस मामले की सुनवाई में यह तय होगा कि शर्मिष्ठा की पोस्ट कानून की सीमा लांघती है या यह सिर्फ एक निजी राय थी जिसे गलत ढंग से प्रस्तुत किया गया।