ग्वालियर । बाल श्रम की रोकथाम किसी एक विभाग की जवाबदारी नहीं बल्कि सभी के सामूहिक प्रयास से ही यह संभव हो सकेगा। संभागीय आयुक्त दीपक सिंह ने यह बात श्रम विभाग एवं यूनीसेफ के सहयोग से आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के शुभारंभ अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में यह बात कही।
सिटी सेंटर स्थित रेडियंस होटल में आयोजित दो दिवसीय सेमीनार में यूनीसेफ के प्रतिनिधि लॉली जैन,  अमरजीत, बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष सुश्री संदीपा मल्होत्रा, जिला श्रम अधिकारी सुश्री संध्या सिंह एवं विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। संभागीय आयुक्त दीपक सिंह ने कहा कि 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को श्रम के काम पर नहीं लगाया जाना चाहिए। इसके लिए शासन-प्रशासन अपने स्तर पर हर संभव प्रयास कर रहा है। बाल कल्याण समितियां भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर रही हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिये कानून बनाकर उसका पालन कराना ही पर्याप्त नहीं है बल्कि बच्चों और उनके अभिभावकों को भी जागरूक करने की आवश्यकता है। समाज के विभिन्न सामाजिक संगठनो, व्यापारिक संगठनों को भी इसमें अपनी अग्रणी भूमिका का निर्वहन करना चाहिए। 
संभाग आयुक्त दीपक सिंह ने कहा कि कानून का पालन कड़ाई से कराने की अपेक्षा लोगों के व्यवहार में परिवर्तन आए, इसके लिये विशेष प्रयास किए जाना चाहिए। स्कूली बच्चों को भी जागरूक करने की दिशा में पहल करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक रूप से धूम्रपान और स्वच्छता मिशन इसके लिये अच्छे उदाहरण हैं। देश भर में जन जागरूकता से ही स्वच्छता में जागरूकता आई है और अब नागरिक सार्वजनिक स्थान पर धूम्रपान से भी बचने लगे हैं। बच्चों को श्रम में न लगाने के लिये भी हमें जन जागरूकता पर ही विशेष ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि श्रम विभाग एवं यूनीसेफ के माध्यम से दो दिवसीय इस कार्यशाला में अच्छे विचार आयेंगे, उन पर भी हमें अमल करना होगा। कार्यक्रम के प्रारंभ में बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष सुश्री संदीपा मल्होत्रा ने बाल श्रम को रोकने के लिये किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। इसके साथ ही उन्होंने अन्य विभागों और सामाजिक संगठनों को भी इस दिशा में सहयोग करने की अपील की।