ज्योति मल्होत्रा ने पहली बार पाकिस्तान यात्रा के बाद विशेष वीजा हासिल किया था, जिसे आईएसआई और पाक गृह मंत्रालय की मंजूरी मिली थी। पुलिस का मानना है कि ज्योति ने जानबूझकर आईएसआई का साथ दिया, ताकि उसे विशेष सुविधाएं और वीआईपी ट्रीटमेंट मिल सके। राजस्थान की स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (SIT) ने यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा पर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप के बाद जांच तेज कर दी है। आरोप है कि ज्योति ने देश की गुप्त जानकारियाँ पाकिस्तान तक पहुँचाई हैं। सूत्रों के अनुसार, ज्योति मल्होत्रा से SIT ने लंबी पूछताछ की है। जांच में सामने आया है कि वह कई बार राजस्थान के बॉर्डर एरिया, खासतौर पर बाड़मेर जिले में गई थी। इन यात्राओं के दौरान उसकी गतिविधियाँ संदिग्ध मानी जा रही हैं। विशेष रूप से थार क्षेत्र में विदेशी मुद्रा (विदेशी पैसे) का लेन-देन भी पाया गया है।
संवेदनशील स्थानों की वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डालीं
SIT का कहना है कि ज्योति ने मुनाबाव रेलवे स्टेशन का वीडियो बनाया, जो कि एक बेहद संवेदनशील इलाका है क्योंकि यह पाकिस्तान सीमा के बेहद पास स्थित है। इसके अलावा भारत-पाकिस्तान सीमा के और भी कई हिस्सों की वीडियो और तस्वीरें लेकर उसने सोशल मीडिया पर साझा कीं।
बार-बार बॉर्डर क्षेत्र में जाने का कारण संदिग्ध
पूछताछ में SIT ने ज्योति से पूछा कि वह बार-बार सीमा क्षेत्र में क्यों जाती थी? उसका असली मकसद क्या था? इन सवालों के जवाबों में ज्योति की तरफ से कोई स्पष्ट कारण नहीं दिया गया, जिससे शक और भी गहरा गया है।
पाकिस्तान में मिला वीआईपी ट्रीटमेंट और बढ़ी सोशल मीडिया फैन फॉलोइंग
एक हैरान करने वाली बात ये सामने आई है कि पाकिस्तान यात्रा के बाद अचानक ज्योति की सोशल मीडिया लोकप्रियता बहुत तेजी से बढ़ गई। पाकिस्तान में उसे विशेष वीआईपी ट्रीटमेंट मिला, जो आमतौर पर किसी विदेशी पत्रकार को भी नहीं मिलता। उसे स्पेशल वीजा और सुरक्षा दी गई थी।
पाकिस्तान की रणनीति का हिस्सा बनी ज्योति?
जांच एजेंसियों का मानना है कि पाकिस्तान ने ज्योति को ‘एसेट’ यानी काम करने वाला व्यक्ति बनाकर इस्तेमाल किया और सोशल मीडिया के ज़रिए भारत की छवि को नुकसान पहुँचाने की कोशिश की। जांच अभी जारी है और SIT इस केस को गंभीरता से ले रही है।