नई दिल्ली । भाजपा के कद्दावर नेता और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए सियासी दिन इन दिनों ठीक नहीं कट रहे हैं। इसकी खास वजह उनके सहयोगियों का साथ छोड़ कर जाना बताया जा रहा है। इस साल के आखिर तक मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं और सिंधिया के साथियों के जाने का सिलसिला जारी है। उनके करीबी साथी समंदर पटेल ने भाजपा का साथ छोड़ अब कांग्रेस का दामन थाम लिया है। वह पहले ऐसा नेता नहीं हैं जो इन दिनों कांग्रेस की ओर गए हैं, उनके अलावा सिंधिया के 7 करीबी नेताओं ने बीजेपी का साथ छोड़ दिया है।
क्यों कांग्रेस की ओर रुख कर रहे हैं भाजपा नेता?
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर अलग-अलग तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। फिलहाल यह कहना आसान नहीं है कि किस पार्टी का पलड़ा भारी है। कांग्रेस से भाजपा में आए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के सियासी वज़न को लेकर भाजपा आश्वस्त है और भाजपा को इसका सियासी फायदा हासिल होने वाला है लेकिन चुनाव से ठीक पहले सिंधिया के करीबी लोगों का कांग्रेस में जाना पार्टी को सकते में डाल सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सिंधिया के जिन साथी नेताओं ने भाजपा का साथ छोड़ा है, उनमें अधिकतर ग्वालियर-चंबल संभाग के नेता हैं। खास बात यह है कि यह संभाग सिंधिया का इलाका है और सिंधिया राजघराने का राजनीतिक गढ़ माना जाता रहा है।
किस-किस नेता ने छोड़ दिया है भाजपा का साथ?
भाजपा का साथ छोड़ने वाले नेताओं में समंदर पटेल का नाम काफी प्रमुखता से लिया जा रहा है। वह नीमच जावद विधानसभा से निर्दलीय चुनाव लड़ चुके हैं। हार के बावजूद वह खासा प्रभाव छोड़ पाने में कामयाब हुए थे। उनके अलावा भाजपा का साथ छोड़ने वाले नेताओं में बैजनाथ सिंह यादव, जयपाल सिंह यादव, यदुराज सिंह यादव,रघुराज धाकड़,राकेश गुप्ता,गगन दीक्षित आदि का नाम शामिल है। भाजपा मध्यप्रदेश चुनाव को लेकर काफी तैयार दिखाई दे रही है। पीएम मोदी लगातार मध्यप्रदेश का दौरा कर रहे हैं, गृह मंत्री अमित शाह भी पिछले दिनों मध्यप्रदेश के दौरे पर थे। दूसरी तरफ कांग्रेस भी विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है।