बॉलीवुड की चमक-दमक के पीछे, अक्सर एक गहन अनुशासन और प्रतिबद्धता की कहानी छिपी होती है और कियारा आडवाणी की ‘वॉर 2’ के लिए की गई मेहनत इसका एक प्रेरणादायक उदाहरण है। इस फिल्म में अपने पहले ऑन-स्क्रीन बिकिनी सीन के लिए कियारा ने न केवल शारीरिक रूप से बल्कि मानसिक रूप से भी खुद को पूरी तरह से तैयार किया। इस परिवर्तन के पीछे थीं सेलिब्रिटी न्यूट्रिशन कोच निकोल लिन्हारेस केडिया, जिन्होंने इस जर्नी को “एक साझा महत्वाकांक्षा की यात्रा” बताया।
-‘क्रैश डाइट’ नहीं, टिकाऊ और समझदारी भरा दृष्टिकोण
निकोल बताती हैं कि कियारा कभी भी त्वरित समाधानों या क्रैश डाइट के पक्ष में नहीं थीं। “वह ऐसे समाधान चाहती थीं जो दीर्घकालिक हों, जो उन्हें न केवल फिट बल्कि अंदर से मजबूत महसूस कराएं,” निकोल कहती हैं। खाने के प्रति कियारा के लगाव को ध्यान में रखते हुए, डाइट को पूरी तरह बदलने की बजाय उसमें सूक्ष्म लेकिन सटीक बदलाव किए गए।
-माइक्रो-मैनेजमेंट से मिला मैक्रो रिजल्ट
प्रोटीन के सेवन को बढ़ाना, कैलोरी कंट्रोल को स्थिर रखना और हर सामग्री की माप—यह सब उस फिट, टोंड और कैमरा-रेडी लुक के लिए आवश्यक था जिसकी फिल्म की डिमांड थी। यहाँ तक कि खाने में इस्तेमाल होने वाला तेल या फेवरेट बुद्धा बाउल पर डाला गया चीज़ भी नपे-तुले ढंग से शामिल किया गया।
-प्रोटीन पैनकेक से शुरू होता दिन
कियारा की सुबह की शुरुआत होती थी उनके सिग्नेचर प्रोटीन पैनकेक से, जो ओट और नट्स के आटे, प्रोटीन पाउडर, मेपल सिरप, बेरीज और होममेड हेज़लनट बटर से तैयार होता था। यह एक स्वादिष्ट शुरुआत थी, जो दिनभर की उच्च-प्रदर्शन डाइट का आधार बनती थी। दिनभर के अन्य भोजन में शामिल थे – ग्रिल्ड चिकन, शतावरी, बेबी आलू, एडामे पेस्टो हम्मस और सत्तू छाछ जैसी भारतीय पारंपरिक चीज़ें जो हाइड्रेशन और रिकवरी के लिए उपयुक्त थीं।
-फिटनेस रूटीन के साथ पूरी तरह तालमेल
खाने का समय, वर्कआउट विंडो, और यहां तक कि कैफीन का सेवन भी उनके एक्सरसाइज रूटीन – जिसमें स्ट्रेंथ ट्रेनिंग, कार्डियो, वेट्स और स्विमिंग शामिल थे – के साथ पूरी तरह सिंक्रनाइज़ किया गया। शूटिंग और ट्रेनिंग के बीच रिकवरी अहम थी, और इसके लिए एक सख्त नींद-जागने का शेड्यूल अपनाया गया। “वह रात 8 बजे तक सोने के लिए तैयार हो जाती थीं,” निकोल बताती हैं। “यह अनुशासन वास्तव में काबिल-ए-तारीफ था।”
-बिकिनी सीन की तैयारी: कोई शॉर्टकट नहीं
बिकिनी सीन के लिए कोई अस्वस्थ एक्सट्रीम नहीं अपनाया गया। ना ही वॉटर कटिंग, ना ही जरूरत से ज़्यादा कैलोरी डिफिसिट। हर रात, अगले दिन की भोजन योजना पर स्थानीय शेफ के साथ समन्वय किया गया ताकि शूटिंग की माँगों और न्यूट्रिशनल ज़रूरतों के बीच संतुलन बना रहे।
-एक भूमिका नहीं, एक जीवनशैली अपनाई
निकोल कहती हैं, “कियारा ने सिर्फ़ एक सीन के लिए तैयारी नहीं की, उन्होंने उस किरदार को जिया।” उनका समर्पण न केवल उनके शरीर में बल्कि उनके आत्मविश्वास और सेट पर उनकी उपस्थिति में भी स्पष्ट झलकता था। “वह शॉर्टकट्स में विश्वास नहीं करतीं, और हर दिन खुद के लिए पूरी तरह से समर्पित थीं।”