उज्जैन। उज्जैन जिले के तराना के ग्राम सुमराखेड़ी (थाना माकड़ोन) में पिछले साल कोटवार अशोक के पिता रामलाल की खेत पर हुई हत्या के मामले में कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। इस अंधे कत्ल के दोनों आरोपियों को दोषी करार देकर आजीवन कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई गई है।

विशेष लोक अभियोजक विशाल गुप्ता ने बताया कि कोटवार अशोक अपने पिता रामलाल के साथ रोजाना सुमराखेड़ी गांव के बाखडय़ा खाल के पास अपने खेत की रखवाली करने जाते थे। लेकिन 15 मई 2024 की रात अशोक चुनावी ड्यूटी के कारण खेत पर नहीं रुके। कोटवार 16 मई को सुबह जब चाय लेकर खेत पर पहुंचे, तो पिता का शव चारपाई के पास खून से लथपथ पाया।

उनके शोर मचाने पर पड़ोसी खेतों से लोग पहुंचे और पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस जांच और मुखबिरों से मिली जानकारी के आधार पर सामने आया कि मृतक रामलाल का पहले आरोपी सुरेश के पिता के साथ नशे में विवाद हुआ था और रामलाल ने उन्हें थप्पड़ मारा था, जिससे सुरेश रंजिश पाले हुए था। इसी रंजिश के चलते आरोपी सुरेश पिता कनीराम बागरी ने अपने साथी दिनेश पिता नाथूलाल भाटी (दोनों सुमराखेड़ी निवासी) के साथ मिलकर रामलाल की रात में सोते समय चाकू से हमला कर हत्या कर दी।

पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर धारा 302 और 34 के तहत प्रकरण दर्ज किया था। 28 मई को दिए फैसले में अपर सत्र न्यायाधीश प्रेमा साहू ने दोनों आरोपियों को धारा 302 सहपठित धारा 34 के अंतर्गत आजीवन कारावास और 2000-2000 रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। इस मामले में अनुसंधान की कार्यवाही आईपीएस अधिकारी राहुल देशमुख द्वारा की गई थी, जबकि शासन की ओर से पैरवी लोक अभियोजक सरदार सिंह चौहान ने किया।