भोपाल। निर्वाचन आयोग ने कानून मंत्रालय को बताया है कि कोरोनावायरस महामारी के चलते उपचुनाव का आयोजन नहीं किया जाएगा। इससे पहले 20 जुलाई को भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त श्री सुनील अरोड़ा ने कहा था कि सितंबर महीने के लास्ट वीक तक मध्यप्रदेश में सभी उपचुनाव करा लिए जाएंगे। 

इससे पहले चुनाव आयोग की तरफ से बताया गया था कि मध्य प्रदेश में कोरोना महामारी के बीच होने वाले विधानसभा उपचुनाव में केंद्र सरकार और विश्व स्वास्थ्य संगठन की उन तमाम गाइडलाइन का पालन किया जाएगा जो संक्रमण से बचने के लिए जरूरी है। मतदाताओं के लिए सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क, सैनिटाइजर जैसे इंतजाम करने होंगे। इसके लिए हर एक विधानसभा सीट पर 2 करोड़ 73 लाख रुपए खर्च होने का अनुमान है। प्रत्येक बूथ पर मतदाताओं की तय संख्या 1500 से घटाकर 1000 करनी होगी।

इसके लिए उपचुनाव में 4500 पोलिंग बूथ बनाए जाने हैं। इन सभी पोलिंग बूथ पर अधिकारियों, कर्मचारियों, चिकित्सीय स्टाफ की व्यवस्था होगी। 58 लाख मतदाताओं के लिए मास्क, ग्लव्स और सैनिटाइजर की करनी होगी. चुनाव सामग्री ईवीएम और वीवीपैट मशीन की खरीदी पर 50 करोड़ का अतिरिक्त खर्च भी आएगा। आपको बता दें कि साल 2018 में मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव में 180 करोड़ रुपए का खर्चा आया था।

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