भोपाल। प्रवासी मजदूरों को रोजगार के लिए बनाया गए रोजगार सेतु का उपयोग अब राज्य सरकार मध्यप्रदेश के बेरोजगारों को उनकी योग्यता के अनुसार रोजगार दिलाने के लिए भी करेगी। इसके जरिए उनकी योग्यता के अनुसार स्किल मैपिंग की जाएगी और उन्हें नियोक्ताओं से जोड़कर रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। मध्यप्रदेश से अन्य राज्यों में मिलने वाले रोजगार और अधिक मजदूरी के लालच में प्रदेश से लाखों की संख्या में मजदूर अन्य राज्यों में हर साल पलायन करते हैं। कोरोना के बाद पूरे देश में लगाए गए लॉकडाउन के बाद अन्य राज्यों में गए लाखों प्रवासी मजदूर मध्यप्रदेश वापस लौटे है।
अब अधिकांश राज्य से बाहर जाने के इच्छुक नहीं है। राज्य सरकार ने इन मजदूरों को रोजगार देने के लिए रोजगार सेतु एप बनाया था। इस एप पर सभी प्रवासी मजदूरों का डाटा जुटाया था। उनके स्किल के हिसाब से उन्हें विभिन्न कारखानों,उद्योगों और मनरेगा के जरिए काम उपलब्ध कराया है। लॉकडाउन के बाद प्रवासी मजदूरों को रोजगार दिलाने में मध्यप्रदेश पूरे देश में अव्वल रहा है। अब प्रवासी मजदूरों वाले इस प्लेटफार्म का उपयोग राज्य सरकार मध्यप्रदेश के युवा बेरोजगारों को उनकी योग्यता और रुचि के मुताबिक रोजगार दिलाने में करेगा। प्रदेश के सभी रोजगार कार्यालयों को रोजगार सेतु एप से जोड़ा जाएगा।
प्रदेश के सभी उद्योपगतियों, कारखानों और बड़ी कंपनियों, नियोक्ताओं को भी रोजगार सेतु से जोड़ा जाएगा। प्रदेश के पढ़े-लिखे युवा बेरोजगारों की स्क्लि मैपिंग कराई जाएगी। रोजगार सेतु एप पर प्रदेश के बेरोजगारों की शैक्षणिक योग्यता, तकनीकी योग्यता, उनकी विषय-विशेष में रुचि, उनके कार्यानुभव की जानकारी रोजगार सेतु एप के जरिए जुटाई जाएगी। इसके बाद राज्य सरकार अलग-अलग सेक्टरों के हिसाब से इन बेरोजगारों की स्क्लि मैपिंग करेगा और उनके अलग-अलग सैक्टर बनाए जाएंगे। जो भी निवेशक, उद्योगपति जिस स्किल वाले, जिस उम्र वर्ग और एक से अधिक योग्यता वाले युवाओं की खोज इस प्लेटफार्म पर आसानी से कर सकेंगे।
रोजगार सेतु के जरिए पढ़े-लिखे बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने की योजना पर औद्योगिक नीति निवेश एवं प्रोत्साहन विभाग तथा श्रम विभाग मिल कर काम करेंगे। रोजगार दफ्तरों के पंजीयन का उपयोग इसमें किया जाएगा। जो भी नियोक्ता रोजगार सेतु एप से जुड़ना चाहेंगे उन्हें उद्योग विभाग इस एप से जुड़वाएगा। एनआईसी इसमें डाटा एकत्रित करने और रोजगार सेतु एप पर डालने का काम करेगा। युवा भी चाहेंगे तो सीधे इससे जुड़ सकेंगे। रोजगार सेतु एप का उपयोग प्रदेश के सभी बेरोजगारों की स्क्लि मैपिंग करने और उन्हें मनचाहा रोजगार उपलब्ध कराने के अवसर एक प्लेटफार्म पर उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार ने एक वर्ष का लक्ष्य तय किया है।
गरीब कल्याण रोजगार अभियान में प्रदेश के सात जिले काफी पीछे रह गए है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव ने इसको लेकर नाराजगी जताते हुए अफसरों को अपनी कार्यप्रणाली में सुधार लाने की चेतावनी दी है। प्रदेश के 24 जिलों को गरीब कल्याण रोजगार अभियान में शामिल किया गया है। इस अभियान के अंतर्गत कम्युनिटी सेनीटेशन कॉम्पलेक्स, ग्राम पंचायत भवन और वित्त आयोग की राशि से काम कराया जा रहा है।