ग्वालियर। कांग्रेस नेता बृजमोहन परिहार और उनकी पत्नी रश्मि परिहार के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। मामले में फरियादी सहारा अस्पताल के संचालक डॉ एएस भल्ला बने हैं। परिहार दंपत्ति मौखिक अनुबंध कर अस्पताल का 22 साल तक किराया लेते रहे। जबकि जमीन नगर निगम ने सार्वजनकि पार्क घोषित कर दी है।

झांसीरोड़ थाना पुलिस के मुताबिक शहर की पॉश कॉलोनी बसंत विहार में सहारा अस्पताल बना हुआ है। अस्पताल के पास में ही कांग्रेस नेता बृजमोहन परिहार अपने परिवार के साथ रहते हैं। अस्पताल के प्लॉट को परिहार दंपति अपने स्वामित्व का बताकर सहारा अस्पताल के संचालक डॉ एएस भल्ला को 22 साल से किराये पर दे रखा है। इसके बाद बीते साल कांग्रेस सरकार ने डॉ भल्ला के अस्पताल को अवैध बताते हुए अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई की थी। इस मामले में कोर्ट में बृजमोहन परिहार ने याचिका भी दायर की थी। इसके बाद नगर निगम ने अस्पताल की जमीन को पार्क की जमीन बताया था। इस मामले में डॉ भल्ला ने बीते रोज झांसीरोड़ थाने में एफआईआर दर्ज कराई है कि बृजमोहन परिहार व उनकी पत्नी रश्मि परिहार ने उनसे अस्पताल के लिए मौखिक अनुबंध किया था।

इस अनुबंध के आधार पर 22 साल तक वे किराया भी लेते रहे। इसके बीच उन्होने कई बार संपत्ति के दस्तावेज भी मांगे। जबकि उन्होंने दस्तावेज नही दिये। ऐसे में बृजमोहन परिहार व उनकी पत्नी रश्मि के खिलाफ धारा 420 के तहत धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है।

पड़ताल में मालूम हुआ कि बसंत विहार में तीन तरह के ले आउट बनाए गए हैं। इसमें केवल पहला ले आउट टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से पास है। जबकि इसके बाद के दो लेआउट सांठगांठ कर के पार्क व स्कूल की जमीन खुर्द बुर्द कर के बनाए गए हैं। पुलिस को शिकायत की गई है कि बृजमोहन परिहार का घर व अस्पताल का कुछ हिस्सा सरकारी बावड़ी और कुएं पर बनाए गए हैं।

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