भोपाल। कोरोना महामारी ने प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को आईना दिखाया है। संक्रमण की बढ़ती रफ्तार तेजी से बढ़ रही है। सरकार द्वारा की गई उपचार की व्यवस्थाएं कम पड़ रहीं हैं। इस बीच प्रदेश भर के संक्रमित मरीज इंदौर और भोपाल के अस्पतालों में भर्ती होने की जिद अफसरों को परेशान कर रही है। स्वास्थ्य विभाग की मानें तो प्रदेश भर के 40 जिलों के संक्रमित मरीजों ने  भोपाल ,इंदौर के डेड़िकेटेड़ कोविड़ अस्पतालों में भर्ती होकर अपना उपचार कराया है।

कोरोना संकट के शुरूआती दौर में सरकार ने निजी अस्पतालों में बनाए गए डेडिकेटेड़ कोविड़ हॉस्पिटल से मरीजों को धूमधाम से डिस्चार्ज करते समय जमकर प्रचार-प्रसार किया। इन अस्पतालों की ब्रांडिग अब जिलों के लिए परेशानी का सबब बन रही है। यही वजह है कि प्रदेश के दूसरे जिलों से संक्रमित मरीज भोपाल, इंदौर जैसे बड़े शहरों में भर्ती होने के लिए प्रशासन से जिद कर रहे हैं।

स्वास्थ्य विभाग की पड़ताल में ये सामने आया है कि इंदौर के श्री अरविंदो इंस्टीट्यूट आॅफ मेडिकल साइंस में 21 जिलों के कोरोना संक्रमित मरीज भर्ती हो रहे हैं। इनमें टीकमगढ़, कटनी, छतरपुर, शिवपुरी जैसे लंबी दूरी वाले जिलों के मरीज भी भर्ती हो रहे हैं।

स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक भोपाल के चिरायु अस्पताल में बने डेडिकेटेड़ कोविड़ अस्पताल में लगभग 19 जिलों के कोरोना मरीज भर्ती हुए हैं। जिनका उपचार किया गया। अस्पताल में भर्ती हुए कुल मरीजों में से लगभग 56 फीसदी भोपाल के अलावा सतना, श्योपुर, कटनी जैसे दूसरे जिलों से आकर भर्ती हुए हैं। बीते कुछ दिनों से यहां ऐसी स्थिति है कि 60 फीसदी मरीज या तो दूसरे जिलों के हैं बैरागढ़ में मिल रहे ज्यादातर मरीज खुद अस्पताल पंहुच कर भर्ती हो रहे हैं।

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