उज्जैन. कोरोना रेड जोन शहर उज्जैन में अब पूरा सरकारी अमला भगवान की शरण में हैं. कोरोना संक्रमण रोकने के तमाम उपायों के बीच कलेक्टर-एसपी ने मंदिर पहुंचकर देवी को मदिरा चढ़ाई. परंपरा के मुताबिक मंदिर में सिर्फ चैत्र नवरात्रि की महाअष्टमी पर देवी को शराब का प्रसाद चढ़ाया जाता है.
लगातार 80 दिन से अधिक समय बीतने के बाद भी उज्जैन कोरोना के रेड जोन में है. प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग बीमारी की रोकथाम के लिए दिन-रात एक किए हुए है. लेकिन संक्रमण काबू में नहीं आ रहा. अब इसे आस्था कहें या अंधविश्वास लेकिन प्रशासन अब भगवान से प्रार्थना कर कोरोनावायरस से मुक्ति दिलाने के लिए पूजन पाठ कर रहा है. आज उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने चौबीस खंभा स्थित महालया और महामाया मंदिर में देवी को शराब चढ़ायी.उन्होंने उज्जैन शहर को महामारी से मुक्ति दिलाने की प्रार्थना की. इस मंदिर में साल में एक बार चैत्र नवरात्रि की अष्टमी पर मदिरा चढ़ायी जाती है.
किंवदंति है कि राजा विक्रमादित्य अपनी प्रजा को महामारी से बचाने के लिए चौबीस खंभा स्थित इस माता मंदिर में मदिरा चढ़ाकर पूजन अभिषेक करते थे. आज शहर में कोरोना महामारी का प्रकोप है. इससे जनता को बचाने के लिए उज्जैन कलेक्टर ने भी माता को शराब चढ़ाई. उनके साथ एसपी मनोज सिंह भी थे. कलेक्टर के यहां पूजा के बाद भैरव मंदिर में शराब का भोग लगाया गया .
इस शहर और मंदिर के बारे में मान्यता है कि साल में सिर्फ एक बार चैत्र नवरात्रि की महाष्टमी के दिन जिला प्रशासन नगर पूजा करवाता है. इसमें देवी को मदिरा का प्रसाद चढ़ाया जाता है. लेकिन इस बार कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण ठीक नवरात्रि के पहले दिन 25 मार्च से देश में लॉकडाउन हो गया था. मंदिरों के पट बंद थे. इसलिए इस बार चैत्र नवरात्रि में नगर पूजा नहीं हो पाई थी. उसके बाद उज्जैन में कोरोना का संक्रमण बढ़ता ही गया. लोगों में ये अंधविश्वास गहरा गया कि इस बार पूजा न होने के कारण शहर पर विपत्ति आ गयी है. जनता लगातार प्रशासन से नगर पूजा कराने की मांग कर रही थी. प्रशासन ने जनता की आस्था का सम्मान किया और आज ये पूरा करा दी गयी.