भोपाल. कोरोना संकट के बीच मध्य प्रदेश के 19 जिला अस्पतालों में पदस्थ चिकित्सक अपनी ड्यूटी के साथ-साथ विषय विशेषज्ञ की पढ़ाई भी करेंगे. सीपीएस मुंबई से कराए जा रहे पांच प्रकार के कोर्स की काउंसिलिंग शुरू हुई है. इस बार 98 सीटों पर डॉक्टरों को प्रवेश मिलेगा. विशेषज्ञों की कमी को देखते हुए प्रदेश सरकार ने कॉलेज ऑफ फिजिशियन एवं सर्जन पीजी डिप्लोमा की सीटें बढ़ा दी हैं. इससे पहले दो साल में प्रदेश से सिर्फ 28-28 डॉक्टर ही यह कोर्स कर पाएं हैं. इससे जिला अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में विशेषज्ञों की कमी दूर होने का दावा किया जा रहा है.
प्रदेश के स्वास्थ्य महकमे ने अपने सेवारत सरकारी डॉक्टरों के लिए जिला अस्पतालों और गैस राहत अस्पतालों को ही शिक्षण केंद्र बनाते हुए दो साल का पीजी डिप्लोमा कोर्स शुरू किया है. यह कोर्स सीपीएस मुंबई से मान्यता प्राप्त है. सीपीएस को मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया से मान्यता है. इन सीटों पर सिर्फ सरकारी अस्पतालों में काम करने वाले डॉक्टरों को नीट पीजी के अंकों के आधार पर दाखिला दिया जाता है.इससे वे डयूटी के साथ-साथ पीजी की पढ़ाई भी कर सकते हैं. यदि सरकारी डॉक्टरों से ये सीटें नहीं भरेंगी तो शेष को ओपन श्रेणी से भरने का निर्णय लिया गया है. यानी अब कोई भी इन सीटों पर दाखिला लेकर सरकारी अस्पतालों से पीजी डिप्लोमा कर सकेगा. इस कोर्स के लिए बाहरी छात्रों से फीस ली जाएगी.
सेवारत सरकारी डॉक्टरों को सीपीएस से कोर्स करने के लिए यह शर्त रहेगी कि वे दाखिला लेने के बाद तीन साल तक शासन द्वारा तय जगह पर सेवा देंगे. ऐसा नहीं करने पर बांड के तहत 20 लाख रुपए जमा करना होंगे. सरकारी अस्पतालों में शिशु रोग, स्त्री एवं प्रसूति रोग, निश्चेतना, मनोचिकित्सा आदि विषयों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी को देखते हुए यह कोर्स शुरू किया गया है. महाराष्ट्र में यह बहुत पुरानी व्यवस्था है. कर्नाटक, छत्तीसगढ़, गुजरात, ओडिशा सहित कई राज्यों में यह कोर्स चल रहा है. इस बार दोगुने आवेदन आएस्वास्थ्य विभाग के संयुक्त संचालक डॉ. राकेश मुंशी के अनुसार इस पाठ्यक्रम को लेकर चिकित्सक काफी उत्सुक हैं. इस बार पद से दोगुने आवेदन आए हैं.
मध्य प्रदेश के जिला अस्पताल भोपाल, बड़वानी, होशंगाबाद, खंडवा, रतलाम, शहडोल, शिवपुरी, सीहोर, उज्जैन, विदिशा, सिविल अस्पताल पीसी सेठी इंदौर, सागर, सतना, सिविल अस्तपाल रानी दुर्गावती जबलपुर, कमला नेहरू गैस राहत अस्पताल भोपाल, इंदिरा गांधी गैस राहत अस्पताल भोपाल में ये सुविधा मिलेगी. इन विधाओं के विशेषज्ञ होंगे तैयार कॉलेज ऑफ फिजिशियन एंड सर्जन के माध्यम से जिला अस्पताल में पांच तरह के विशेषज्ञ तैयार किए जाएंगे. इसमें स्त्री व प्रसूति विभाग, निश्चेतना, ऑर्थोपेडिक, शिशु रोग, मनोचिकित्सा का कोर्स होगा.